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    Rajasthan Election: राजस्थान में पति-पत्नी और जीजा-साली मैदान, मुकाबला दिलचस्प, ये है असली वजह

  • November 05, 2023

    नई दिल्‍ली (New Dehli) । राजस्थान (Rajasthan)की सीकर जिले की दांतारामगढ़ (Dantaramgarh)से पति-पत्नी के बीच दिलचस्प (interesting)मुकाबला होगा। कांग्रेस ने यहां से वीरेंद्र सिंह (Virender Singh)को टिकट दिया है। जबकि जेजेपी ने उनकी पत्नी रीटा सिंह को प्रत्याशी बनाया है। शनिवार देर रात राजस्थान के लिए कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों की छठी सूची जारी कर दी है। सीकर जिले की दांतारामगढ़ से सीटिंग विधायक वीरेंद्र सिंह को कांग्रेस ने एक बार फिर प्रत्याशी बनाया है। यहां पति-पत्नी के बीच मुकाबला होगा। इस सीट से जेजेपी ने रीटा सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दांतारामगढ़ कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। बीजेपी को यहां एक बार भी जीत नसीब नहीं हुई है। जबकि धौलपुर में जीजा-साली के बीच मुकाबला होगा। धौलपुर में कांग्रेस ने शोभरानी कुशवाह को और बीजेपी ने डाॅ. शिवचरण कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है। दोनों रिश्ते में जीजा-साली है। पिछली बार भी दोनों के बीच मुकाबला हुआ था। जिसमें जीजा पर साली भारी पड़ी थी। इस बार हालात उलट है। बीजेपी विधायक शोभारानी कांग्रेस के टिकट कर चुनाव लड़ रही है।


    पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे है वीरेंद्र सिं

    दांतारामगढ़ विधानसभा सीट जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने रीटा चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि उनके पति और मौजूदा विधायक वीरेंद्र सिंह को कांग्रेस फिर टिकट दिया है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सात बार के विधायक नारायण सिंह के बेटे वीरेंद्र सिंह का परिवार पारंपरिक रूप से कांग्रेस के साथ रहा है।उनकी पत्नी रीटा अगस्त में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) में शामिल हो गईं और उन्हें पार्टी की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। रीटा चौधरी ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले दांतारामगढ़ से कांग्रेस की टिकट मांगी थी लेकिन पार्टी ने उनके पति को उम्मीदवार बनाया। सीकर की जिला प्रमुख रीटा तभी से इलाके में अपने राजनीतिक आधार को मजबूत कर रही थीं और उन्होंने जेजेपी में शामिल होकर कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया।

    रिश्तों पर भारी सियासत

    सियासी जानकारों का कहना है कि रिश्तों पर सियासत भारी है। राजस्थान में पहली बार इस तरह के हालात है। जहां पति-पत्नी के बीच रोचक मुकाबला होने जा रहा है। रीटा सिंह ने पहले भी कांग्रेस के टिकट लेने का प्रयास किया था, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। सियासी जानकारों का कहना है कि दांतारामगढ़ में इस बार हालात बदले हुए है। कांग्रेस को भाजपा औऱ माकपा से कड़ी चुनौती मिल रही है। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी के सामने उनकी पत्नी के आ जाने से टक्कर कांटे की हो गई है। दांतारामगढ़ कांग्रेस के प्रभाव वाला इलाका माना जाता है। जाट बाहुल्य इलाक होने की वजह से देवीलाल की नजर दांतरामगढ़ पर भी रही थी। जेजेपी के प्रमुख अजय चौटाला एक बार यहां से विधायक भी रह चुके हैं।

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