नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के लिए भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा है।
सांसद सिंह ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि कोरोना महामारी के समय में जब सभी पार्टियों को साथ मिलकर देश के लिए लड़ना चाहिए तो भाजपा-कांग्रेस खरीद-फरोख्त की राजनीति कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे ये प्रश्न उठता है कि क्या इन दोनों पार्टियों को देश की थोड़ी भी चिंता है?
उत्तर प्रदेश आप के प्रभारी सिंह ने योगी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि योगी सरकार नो एफआईआर, नो क्राइम, नो टेस्टिंग, नो केस के फार्मूले पर चल रही है। योगी सरकार अपराध और कोरोना दोनों से निपटने में असफल साबित हुई है। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में योगी सरकार नाकाम है।
आप नेता सिंह ने भ्रष्टाचार और कोरोना के खिलाफ संघर्ष में इच्छाशक्ति की कमी पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं। कानपुर बाल संरक्षण गृह में 57 मासूम बच्चियां कोरोना वायरस से संक्रमित हो गईं। सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है। ऐसी घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं।
उन्होंने विकास दुबे एनकाउंटर के संदर्भ में कहा कि कोई एक दिन में विकास नहीं बन जाता है। विकास को बनाने में किन-किन लोगों का सहयोग रहा है, उसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कानपुर घटना से जुड़े प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए और कहा कि नाबालिग का एनकाउंटर किया गया। संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए की जा रही कम टेस्टिंग पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 23 करोड़ आबादी वाले राज्य में मात्र 25 हजार लोगों की टेस्टिंग हो रही है। जबकि दिल्ली में 2.5 करोड़ आबादी वाले राज्य में 23 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो रही है। उत्तर प्रदेश में कम से कम 2 लाख लोगों की प्रतिदिन टेस्टिंग होनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना जांच के लिए लैब बनाएं जाने चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)
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