जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाम राज्यपाल की लड़ाई जारी है। इस वजह से पूरे देश में कांग्रेस आज प्रदर्शन करेगी, लेकिन राजस्थान में पार्टी राजभवन का घेराव नहीं करेगी। कांग्रेस का मानना है कि इसको आधार बनाते हुए कहीं राष्ट्रपति शासन की सिफारिश ना हो जाए। सावधानी बरतते हुए यह तय हुआ है कि कोई भी राजभवन के आस-पास नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विधानसभा सत्र बुलाने के लिए अभी तक राज्यपाल कलराज मिश्र कोई फैसला नहीं ले सके हैं। गौरतलब है कि राजस्थान की सियासत अब राज्यपाल कलराज मिश्र के इर्द गिर्द घूम रही है। सीएम गहलोत जहां विधानसभा सत्र बुलाने पर अड़े हुए हैं। वहीं राज्यपाल सत्र बुलाने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं।
राजस्थान की लड़ाई को अब कांग्रेस ने राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है। आज पूरे देश में कांग्रेस राजभवन का घेराव करने जा रही है। राजस्थान की सियासत को लेकर अब कांग्रेस के निशाने पर केंद्र सरकार है। हालांकि, कांग्रेस ने राजस्थान राजभवन के बाहर प्रदर्शन नहीं करने का प्लान बनाया है। कोई भी कांग्रेस कार्यकर्ता राजभवन के आस-पास नहीं जाएगा।
दरअसल, राज्यपाल कलराज मिश्र भी कांग्रेस के हमले को लेकर एक्शन की तैयारी में हैं। कल राज्यपाल कलराज मिश्र ने आला अधिकारियों के साथ मामले को लेकर चर्चा की। इसके बाद सीएम अशोक गहलोत को डर सताने लगा कि कहीं राजभवन के बाहर प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश न हो जाए।
अशोक गहलोत कैबिनेट ने 31 जुलाई को विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्रा को भेजा है। सूत्रों की मानें तो इसमें कोरोना पर चर्चा की बात कही गई है। राज्य में 6 बिलों को विधानसभा में पेश करने का हवाला दिया गया है। वहीं प्रस्ताव में कहीं भी बहुमत साबित करने का जिक्र नहीं किया गया है।
राजस्थान की सियासत में आज का दिन बड़ा अहम होने वाला है। एक ओर जहां स्पीकर सीपी जोशी के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पूरे देश के राजभवन का घेराव कर जंग को बड़ा करने के लिए तैयार है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री बनाम राज्यपाल की लड़ाई में किसका पलड़ा भारी होता है।
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