सचिन पायलट को मनाने की कोशिश जारी
जयपुर। सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सियासी मनमुटाव ने कांग्रेस आलाकमान की परेशानी बढ़ा दी है। तमाम प्रयासों के बावजूद सोमवार को सचिन पायलट की गैरमौजूदगी में ही राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इस बीच, सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अब इस सियासी संकट को निपटाने के लिए सामने आई हैं। उनके दखल पर नाराज पायलट से फिर से बातचीत शुरू हुई है, ताकि हालात को सामान्य किया जा सके। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस कार्यालय से सचिन पायलट के उतारे गए होर्डिंग्स को फिर से लगा दिए गए हैं। बताया जाता है कि राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम से कांग्रेस आलाकमान बेहद चिंतित है। कांग्रेस कार्यालय पर हुई बैठक समाप्त हो चुकी है और सभी विधायकों को बस में भरकर रिसार्ट ले जाया गया है।
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर बुलाई गई विधायक दल की बैठक में 100 से ज्यादा विधायकों के पहुंचने के बाद दो दिन से चल रहे सियासी घटनाक्रम का पटाक्षेप होता दिखा। सीएम गहलोत ने 10 से ज्यादा निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाकर मीडिया को संकेत दिया कि उनकी सरकार सुरक्षित है। हालांकि इस बैठक में सचिन पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक शामिल नहीं हुए। पायलट के करीबी सूत्रों ने यह दावा भी किया था कि उनके गुट को 25 विधायकों का समर्थन हासिल है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि सीएम गहलोत की अध्यक्षता में होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। बहरहाल, बदलते घटनाक्रम के बीच अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट को मनाने की कवायद फिर से शुरू हो गई है।
आपको बता दें कि कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने आज सुबह मीडिया के साथ बातचीत में प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने का आरोप भारतीय जनता पार्टी के ऊपर लगाया था। पांडे ने कहा था कि बीजेपी की साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। राजस्थान कांग्रेस के सब विधायक एकजुट हैं। उन्होंने कहा था कि बीजेपी हर राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकारों को अस्थिर करने की साजिश रच रही है। वह कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी ऐसी घटनाएं दोहराना चाहती है, लेकिन इसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
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