जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के नव नियुक्त सलाहकार रामकेश मीणा (Ramkesh Meena) ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) पर हमला बोला। मीणा का कहना है कि पायलट के राजस्थान में रहने से कांग्रेस (Congress) को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि पायलट बाहरी हैं। कांग्रेस हाईकामन सचिन पायलट को राजस्थान से बाहर भेजें। रामकेश मीणा ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट की मांगों को मान लिया है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को मंत्रिमंडल में जगह दे दी है। अब पायलट राजस्थान छोड़ दें।
रामकेश मीणा ने कह कि 2018 के विधानसभा चुनाव में पायलट के रहते ही कांग्रेस को 50 सीट का नुकसान हुआ। पायलट रहे तो 2023 के विधानसभा चुनाव में भी नुकसान होगा। रामकेश मीणा निर्दलीय विधायक हैं। सचिन पायलट के विरोध के चलते ही गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल नहीं कर पाए। निर्दलीयों की नाराजगी दूर करने के लिए रामकेश समेत दो निर्दलीय विधायकों को सीएम अशोक गहलोत का सलाहकार नियुक्त किया गया है. कुल 6 सलाहकार नियुक्त किए गए हैं।
निर्दलीय विधायकों को नहीं मिली जगह
राजस्थान में हुए सियासी संकट को दौरान सरकार को बचाने वाले 13 निर्दलीय विधायकों को सरकार में जगह नहीं मिली है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि इन विधायकों का सहयोग कभी नहीं भूल सकते, लेकिन अब मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से इनमें मायूसी है तो वहीं कुछ विधायकों में नाराजगी भी है।
उम्मीद जताई जा रही थी कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान इन निर्दलीय विधायकों को जगह मिल सकती है. लेकिन कैबिनेट की सूची में एक भी निर्दलीय विधायक का नाम नहीं था. सिर्फ बसपा से आये विधायक राजेन्द्र गुढा को राज्यमंत्री बनाया गया है।
अलवर के विधायकों में नाराजगी
गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों में से एक राजेन्द्र गुढा को ही जगह मिली है। आरोप लगाया जा रहा है कि उन पर गंभीर आरोप होने के बावजूद उन्हें मंत्री बनाया गया है, तो वहीं दूसरी ओर अलवर के कठूमर से कांग्रेस विधायक बाबूलाल बैरवा भी कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे. हालांकि, बैरवा ने दावा किया कि वे नाराज नहीं हैं।
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