जयपुर (Jaipur)। राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने बीजेपी नेता वसुंधरा राजे (BJP leader Vasundhara Raje) से सांठगांठ करने के आरोपों को खारिज कर दिया है. कर्नाटक चुनाव (karnataka election) के नतीजे घोषित होने के बाद गहलोत ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वसुंधरा राजे से पिछले 15 वर्षों में उनकी मुश्किल से 15 बार बात हुई होगी. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने धौलपुर में दिए गए उनके बयान का गलत अर्थ निकाला।
दरअसल धौलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा था कि जब पायलट गुट (pilot group) ने उनके खिलाफ बगावत की थी तो भाजपा नेता वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने उनकी सरकार बचाने में मदद की थी। गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति (‘Zero tolerance’ policy) पर चलती है।
पायलट ने साधा था निशाना
मुख्यमंत्री का यह बयान सचिन पायलट (Sachin Pilot) की अजमेर से जयपुर तक चल रही “जन संघर्ष पदयात्रा” के बीच आया है. पायलट ने मंगलवार को गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए भ्रष्टाचार और भर्ती परीक्षा पेपर लीक के मु्द्दों का जिक्र किया था. पायलट की 125 किलोमीटर यात्रा का समापन सोमवार को जयपुर में होगा. गहलोत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कि राजे ने उनकी सरकार को बचाने में मदद की थी, पायलट ने कहा था, ‘गहलोत के बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, न कि सोनिया गांधी।’
गहलोत ने कहा, ‘मैंने धौलपुर में कहा था कि वसुंधरा जी और कैलाश जी ने मेरी सरकार को बचाने में मदद की. लोगों ने इसका गलत मतलब निकाला. वह मेरे पास नहीं आईं और कहा कि मैं आपके साथ खड़ी हूं.’ गहलोत ने कहा कि राजनीतिक संकट के दौरान कैलाश मेघवाल ने बयान दिया था कि राजस्थान में सरकार गिराने की कोई परंपरा नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार गिराने में बड़े बड़े सौदे हुए थे, वसुंधरा राजे की मदद की बात हमने सुनी थी. वो हमारी मदद नहीं की थी।
फिर किया पुराने किस्से का जिक्र
गहलोत ने कहा,’…ऐसा नहीं है कि वसुंधरा ने खुद (मुझसे) कहा कि वह सरकार को बचा रही हैं … जब मैं पीसीसी प्रमुख था और भैरो सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे, तब शेखावत की सरकार गिराने की साजिश भाजपा के कुछ नेताओं ने की थी.’ गहलोत ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि जब तत्कालीन सीएम और भाजपा नेता शेखावत का अमेरिका में इलाज चल रहा था, तब भाजपा नेताओं ने उनसे संपर्क किया था और सरकार गिराने में मदद मांगी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
राजे पर किया हमला
गहलोत ने कहा कि राजे के तत्कालीन “सलाहकार” जैसे- विपक्ष के वर्तमान नेता राजेंद्र राठौर कभी भी मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं चाहते थे और इसलिए उनकी राजे से बात नहीं होती थी। उन्होंने कहा, ‘मैं वसुंधरा राजे को दोष देता हूं, उनके काम करने का तरीका नकारात्मक है. वह बदले की भावना से काम करती हैं, मैं प्यार से काम करता हूं, वह अपने तरीके से अधिकारियों को डराती और धमकाती हैं और सबसे बुरी बात यह है कि वह काम बंद कर देती हैं ताकि अशोक गहलोत श्रेय ना मिले।’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद राजे ने अपनी पिछली सरकार द्वारा किए गए कई कामों को बंद कर दिया और इसलिए उनके और उनके बीच दोस्ती नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, ‘जिसने मेरे कामों को रोकने का ठेका लिया है, क्या उससे मेरी कभी दोस्ती होगी? मैं 1998 में मुख्यमंत्री बना था, मैं 156 सीटें लाया था लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि मैं लाया. सोनिया गांधी और आलाकमान ने सीटें लाईं. यह हमारी नीतियों और सिद्धांतों की जीत थी।’
पार्टी अलाकमान को दिया जीत का श्रेय
कर्नाटक जीत का श्रेय पार्टी नेतृत्व को देते हुए गहलोत ने कहा, ‘राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कर्नाटक में जो माहौल दिखा था आज उसी का नतीजा कर्नाटक के चुनाव परिणाम में स्पष्ट दिख रहा है. यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने शानदार कैंपेन किया. कर्नाटक ने सांप्रदायिक राजनीति को नकार कर विकास की राजनीति को चुना है. आने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी इसकी पुनरावृत्ति होगी।’
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