जयपुर: आज विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) है. पर्यावरण संरक्षण को लेकर राजस्थान में चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. राजस्थान के कई शहर ऐसे हैं जो दुनिया में वायु प्रदूषण का रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. सुनने में यह भले ही आपको अजीब लगे लेकिन यह सौ फीसदी सच है. वर्ष 2021 में वायु प्रदूषण के लिहाज से दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर हमारे राजस्थान के अलवर जिले का भिवाड़ी (Bhiwadi world’s most polluted city) रहा था. विशेषज्ञ कहते हैं कि इस समस्या को लेकर अब रेड अलर्ट जारी करना जरूरी हो गया है. राजस्थान में प्रदूषण के आंकड़े बेहद डराने वाले हैं. प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में भी राजस्थान में देश में पहले नंबर पर है.
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव उदय शंकर के अनुसार पहले एक दौर था जब राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक्यूआई (AQI) 70 से 90 के बीच हुआ करता था. लेकिन अब 150 से 200 तक एक्यूआई होना सामान्य बात हो गई है. भिवाड़ी वर्ष 2021 में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा था. भिवाड़ी में पूरे साल औसत एक्यूआई 106.2 रहा था. बीते बरस जोधपुर दुनिया का सबसे 45वां सबसे प्रदूषित शहर था. वहां औसत एक्यूआई 67.8 रहा था. कोटा 69वें स्थान और जयपुर 56.6 एक्यूआई के साथ 70 वें स्थान पर था. बीते साल कोटा का औसत एक्यूआई 57.4 था. कुल मिलाकर बीते करीब 20 बरसों में राजस्थान में प्रदूषण का स्तर बढ़कर दोगुना हो गया है.
2021 में राजस्थान के शहरों का यह रहा औसत एक्यूआई
11 हजार 61 सैंपलों में अशुद्ध पेयजल मिला
पर्यावरणविद् प्रोफेसर टीआई खान जमाली के मुताबिक प्रदूषण के कारण बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं. पानी के हालात भी लगातार बद से बदतर हो रहे हैं. प्रदूषण में पानी की गुणवत्ता के सेल्स की अगर बात की जाए तो केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत प्रदेश में 37283 सैंपल की जांच की है. इनमें से 11 हजार 61 सैंपलों में अशुद्ध पेयजल मिला है. यह सैंपल 54 अलग-अलग प्रयोगशालाओं में जांच किए गए थे. अशुद्ध सैंपल होने पर महज 174 मामलों में एक्शन लिया गया था.
विकास को पर्यावरण फ्रेंडली बनाया जाए
पीसीसीएफ हॉफ डीएन पांडे के अनुसार हवा और पानी दो बुनियादी जरूरत के हालत खराब होंगे तो लोग की सहत कैसे ठीक होगी. इसका एक रास्ता ये है कि हरियाली को बढ़ावा दिया जाए. विकास को पर्यावरण फ्रेंडली बनाया जाए. किसी भी तरह के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन न किया जाए. बस केवल आवश्यक जरूरतों को ही पूरा किया जाये. राजस्थान में एक जुलाई से प्लास्टिक को बैन किया जा रहा है. ई-वेस्ट के खिलाफ एक महाअभियान चलाया जा रहा है. यहां के पांच बड़े शहरों के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है ताकि वहां वायु प्रदूषण को कम किया जा सके.
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