जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले एससी-एसटी (SC-ST) के बाद राजपूत वोट बैंक (rajput vote bank) पर भी बीजेपी (BJP) की नजर है। इसके लिए बीजेपी राजपूत समाज के कद्दावर नेता रहे पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत (Bhairon Singh Shekhawat) के जन्म शताब्दी वर्ष को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रही है। बीजेपी की इस कवायद को राजपूतों को लुभाने की कोशश के तौर पर देखा जा रहा है।
भैरोंसिंह शेखावत के पैतृक गांव खाचरियावास में कई कार्यक्रम होंगे। शेखावत राजस्थान बीजेपी के बड़े नेता रहे हैं, लेकिन शेखावत के निधन के बाद राजपूत वोट बीजेपी से छिटक गया। राजस्थान में राजपूतों की की आबादी 9 फीसदी के करीब है और 100 सीटों पर सीधा प्रभाव है। दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता बीजेपी पर भैरोंसिंह शेखावत को दरकिनार करने का आरोप लगाते रहे हैं। बता दें इससे पहले बीजेपी ने एसटी-एससी वोट बैंक को साधने के लिए सवाई माधोपुर और जोधपुर में सम्मेलन आयोजित किए थे, जिनमे जेपी नड्डा और अमित शाह भी शामिल हुए थे।
राजस्थान बीजेपी ने की तैयारी शुरू
कांग्रेस वसुंधरा राजे पर शेखावत की उपेक्षा का आरोप लगाती रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे ने भी उपेक्षा से नाराज होकर बीजेपी छोड़ दी थी, लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में चुनाव से पहले बीजेपी के राजपूत समाज याद आ रहा है। वसुंधरा राजे के शासन में आनंदपाल मुठभेड़ मामले से राजपूत समाज नाराज हो गया था। प्रदेश बीजेपी ने पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत की जन्म शताब्दी वर्ष को धूमधाम से मनाने की तैयारी पूरी कर ली है। 24 अप्रैल को बीजेपी मुख्यालय पर हुई बैठक में सभी की जिम्मेदारी तय कर दी गई हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के मुताबिक, 12 मई से शेखावत की जन्म शताब्दी के कार्यक्रम शुरू होंगे जो अक्टूबर 2023 तक आयोजित होंगे। जिसमें शेखावत के जीवन की विशेषताओं, सफल शासन प्रणाली, गरीबी उन्मूलन के लिए बनाई अन्त्योदय योजना, भारतीय जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी के विस्तार में उनके बहुमूल्य योगदान को गांव-ढाणी, नगर-उप नगर तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। कार्यक्रमों की शुरुआत 12 मई से होगी। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर 12 और 13 मई को प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके बाद 14 मई को सीकर में स्वच्छता अभियान होगा। उसके बाद 15 मई को शेखावत के जन्म स्थान खाचरियावास में आम सभा होगी।
100 सीटों पर राजपूतों का सीधा दखल
राजस्थान विधानसभा चुनाव में 200 सीटों में से 25 से 30 सीटें और लोकसभा चुनाव में 25 से 5 से 6 सीटों पर जीतने में राजपूत समाज निर्णायक भूमिक निभाते रहे हैं। हालांकि, इस बार बीजेपी की 25 सीटें हैं, जिसमें 3 राजपूत सांसद हैं। सभी विधानसभा सीटों पर राजपूत 5 हजार से 50 हजार तक अपना प्रभाव रखता है। ऐसे में हार जीत की भूमिका निभाते रहे हैं। प्रदेश के भरतपुर, हनुमानगढ़ और गंगानगर जिलों को छोड़ दे तो सभी जिलों में यह जाति अपना प्रभाव रखती है। इनमें से खासतौर पर जयपुर, जालौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, चूरू, झुंझनूं, सीकर, बीकानेर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसंमद, पाली, कोटा, झालावाड़, धौलपुर, उदयपुर, राजसमंद ये वो जिले हैं, जो राजपूत बाहुल्य माने जाते हैं।
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