जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) की भाजपा सरकार (BJP government) ने बुधवार को राज्य पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 (Police Subordinate Services Rules, 1989) में संशोधन करने का निर्णय लेते हुए पुलिस बल (Police force) में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण (33% reservation for women) को मंजूरी दे दी. राज्य मंत्रिमंडल (State Cabinet) ने 2023 के विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिए अपने घोषणापत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए भाजपा द्वारा किए गए वादे को पूरा करते हुए यहां आयोजित अपनी बैठक में यह निर्णय लिया।
कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने की. उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक के बाद कहा कि पुलिस महिलाओं से जुड़े मामलों में अधिक संवेदनशीलता के साथ काम कर सकेगी, वहीं इस फैसले से महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर भी मिलेंगे. जोगाराम पटेल ने कहा कि कैबिनेट ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया।
बता दें कि इस मामले में कथित संलिप्तता के लिए 42 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के दो पूर्व सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. जोगाराम पटेल ने कहा कि इस परीक्षा के जरिए बड़ी संख्या में ऐसे उम्मीदवारों का चयन हुआ है, जो योग्य थे. इसे ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने फिलहाल परीक्षा रद्द नहीं करने का फैसला किया है. भ्रष्टाचार और पेपर लीक की घटनाओं के कारण आरपीएससी के पुनर्गठन की विपक्षी कांग्रेस की मांग के बारे में पूछे जाने पर, पटेल ने कहा कि आयोग एक संवैधानिक निकाय है जिसे उचित प्रक्रिया के बिना भंग नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘सचिन पायलट जैसे कांग्रेस नेताओं से यह पूछना उचित होगा कि सभी पहलुओं पर विचार किए बिना इतना बड़ा कदम कैसे उठाया जा सकता है.’ जोगाराम पटेल ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जनता की राय पर विचार किए बिना और मौजूदा जिलों को विभाजित करने के मानदंडों की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए राज्य में नए जिलों का गठन किया था. मंत्री ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को ध्यान में रखकर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
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