जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में शनिवार को बड़ा उलटफेर हुआ. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया। रविवार को गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का पुनर्गठन (reorganization of cabinet) होगा। सूत्रों के मुताबिक, नए मंत्रिमंडल में 11 कैबिनेट और चार राज्यमंत्री शपथ लेंगे।
इससे पहले शनिवार को सीएम अशोक गहलोत के आवास पर बैठक हुई. इसके बाद सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. सीएम गहलोत ने शनिवार शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और इस्तीफे सौंपे. कांग्रेस मुख्यालय में कल 2 बजे विधायकों की बैठक है. इसमें नए नामों पर मुहर लगेगी। माना जा रहा है कि आज शाम चार बजे 11 कैबिनेट और चार राज्यमंत्री शपथ ले सकते हैं।
8 नए मंत्री होंगे, तीन राज्यमंत्री होंगे प्रमोट
बताया जा रहा है कि गहलोत कैबिनेट में 8 नए मंत्री होंगे. तीन राज्यमंत्री को प्रमोट किया गया है. 4 नए राज्य मंत्री हैं. राजस्थान में नए मंत्रिमंडल का गठन 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
ये बनेंगे नए मंत्री
कैबिनेट मंत्री
1. हेमाराम चौधरी
2. महेन्द्रजीत सिंह मालवीय
3. महेश जोशी
4. विश्वेन्द्र सिंह
5. रामलाल जाट
6. रमेश मीणा
7. ममता भूपेश बैरवा
8. टीकाराम जूली
9. भजनलाल जाटव
10. गोविन्दराम मेघवाल
11. शकुन्तला रावत
राज्यमंत्री
1. जाहिदा
2. बृजेन्द्र सिंह ओला
3. राजेन्द्र गुढ़ा
4. मुरारीलाल मीणा
राजस्थान में चलेगा पंजाब फॉर्मूला
बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने राजस्थान में पंजाब फॉर्मूला अपनाया है. इसी के तहत 12 नए मंत्री और तीन पुराने राज्य मंत्रियों को प्रमोट किया गया है। खास बात ये है कि राजस्थान कैबिनेट में पहली बार चार एससी मंत्रियों को जगह दी जा रही है। ममता भूपेश भजनलाल जाटव टीकाराम जूली और गोविंद मेघवाल दलित कोटे से कैबिनेट मंत्री बन रहे हैं।
इसके अलावा किसी भी निर्दलीय को शामिल नहीं किया गया है. सभी मंत्री कांग्रेस से होंगे. इसके अलावा एक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं. उन्हें भी जगह दी गई है.
पायलट खेमे के 5 मंत्रियों को मिली जगह
नए मंत्रिमंडल के माध्यम से कांग्रेस ने गहलोत-सचिन पायलट के आपसी टकराव को भी सुलझाने की कोशिश की है. इस मंत्रिमंडल में पायलट खेमे के 5 मंत्रियों को जगह दी गई है. पहले पायलट समेत सिर्फ 3 नेता शामिल थे।
बैलेंस बनाने में जुटी कांग्रेस
पायलट और गहलोत के बीच लंबे वक्त से मनमुटाव की खबरें आती रही हैं. सचिन पायलट और उनके खेमे के नेता लंबे वक्त से साइड लाइन हैं. पिछले साल सचिन पायलट 18 विधायकों के साथ बागी भी हो गए थे. हालांकि, आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद वे मान गए थे।
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