उदयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में घरवालों द्वारा जबरन शादी कराने के विरोध में दसवीं की छात्रा (10th class student) खुद सामने आ गई। हिम्मत जुटाकर वह उदयपुर में रेंज आईजी हिंगलाजदान (IG Hinglajdan) के ऑफिस पहुंच गई। उसने आईजी से कहा कि वह पढ़-लिखकर टीचर (become a teacher) बनना चाहती है, इसलिए उसकी शादी रुकवा दी जाए। इसके बाद आईजी ने स्थानीय पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। छात्रा ने घर जाने से इनकार कर दिया तो उसे आसरा विकास संस्थान में शेल्टर कर दिया गया। यह मामला चित्तौड़गढ़ जिले में आकोला थाना क्षेत्र का है।
घर जाने से कर दिया इंकार
आईजी हिंगलाजदान के निर्देशों पर आकोला थाना पुलिस ने बालिका के माता-पिता को पाबंद कर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति ने बालिका की काउंसलिंग की तो उसने घर जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसे आसरा विकास संस्थान में शेल्टर कर दिया गया। अकोला थाना अधिकारी ओंकार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को आईजी उदयपुर रेंज हिंगलाजदान ने जानकारी दी कि 16 साल की एक बालिका अपनी शादी रुकवाने आई है। थाना अधिकारी तुरंत उदयपुर पहुंचे।
माता-पिता इसलिए करवा रहे शादी
बालिका ने बताया कि 24 अप्रैल को उसके भाई की शादी होने वाली है, इसलिए माता पिता उसकी भी शादी साथ में ही करवाना चाहते हैं। इसको लेकर मेरे रिश्ते की बात चल रही है। लड़की ने बताया कि वो शादी नहीं करना चाहती है। बालिका ने आईजी हिंगलाजदान से आग्रह किया कि वह अभी दसवीं कक्षा में पढ़ती है। उसे टीचर बनना है। शादी का फैसला वह बाद में करेगी। बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष रमेश दशोरा ने बताया कि बालिका ने बहुत हिम्मत जुटाकर बहादुरी का काम किया है और अन्य लड़कियों के लिए मिसाल पेश की है। वो पढ़ाई पूरी करना चाहती है। इसी तरह लड़कियों ने हिम्मत रखी तो कोई भी बाल विवाह नहीं करवा पाएगा।
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