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    राजा महमूदाबाद का निधन, कई नामी इमारतों के मालिक; 50 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति

  • October 06, 2023

    सीतापुर: राजा महमूदाबाद मोहम्मद अमीर मो. खान का मंगलवार को इंतकाल हो गया. राजा की मौत के बाद गमगीन माहौल हो गया, उनके किले पर लोगों की भीड़ लग गई. लोगों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. इस दौरान पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री अंबर रिजवी, सपा के पूर्व मंत्री नरेंद्र वर्मा, एमएलसी जास्मीन अंसारी सहित तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि दी. मोहम्मद अमीर मो. खान की रियासत सीतापुर से लेकर लखनऊ तक फैली हुई थी. इसके अलावा वे साल 1985 और 1989 में कांग्रेस विधायक भी रहे. राजा की देश-विदेशों में लगभग 50 हजार करोड़ की संपत्ति है.

    राजा महमूदाबाद और उनके परिवार की उत्तर प्रदेश से लेकर इराक, पाकिस्तान और अन्य देशों में भी संपत्तियां हैं. साल 2006 में हुए सरकारी आकलन के मुताबिक उनकी संपत्ति की कीमत करीब 50 हजार करोड़ रुपए थी. पिता राजा मोहम्मद अमीर अहमद खान की मौत के बाद तकरीबन पचास हजार करोड़ की संपत्ति को लेकर राजा ने संघर्ष शुरू किया था. इनके पिता देश के बंटवारे के साथ ही पाकिस्तान चले गए थे, लेकन उन्होंने भारत में ही रहने का फैसला किया.

    शत्रु संपत्ति घोषित कर सरकार ने की थी जब्त
    रक्षा अधिनियम-1962 के तहत सरकार ने पाकिस्तान गए राजा और उनके परिवार वालों की संपत्ति को अपने संरक्षण में लेकर शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था. साल 1973 में उनके बेटे राजा मोहम्मद आमिर मोहम्मद खान ने संपत्ति पर दावा पेश किया और मुकदमे का सिलसिला शुरू हो गया. 2010 में सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम में संशोधन किया और राजा की सभी संपत्तियां कस्टोडियन में चली गईं. इसके बाद 7 जनवरी 2016 को नया अध्यादेश आने पर सुप्रीम कोर्ट ने शत्रु संपत्ति को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

    संपत्ति को लेकर राजा ने किया आजीवन संघर्ष
    रक्षा अधिनियम 1962 के तहत शत्रु संपत्ति घोषित होने के बाद लखनऊ के हजरतगंज स्थित बटलर पैलेस, महमूदाबाद हवेली, लॉरी बिल्डिंग और कोर्ट, हलवासिया मार्केट, बारादरी, सीतापुर स्थित डीएम, एसपी सहित सीएमओ बंगला, पोस्ट आफिस, महमूदाबाद तहसील भवन, पॉलीटेक्निक, महाविद्यालय, चीनीमिल, सूत मिल, लखपेड़ा बाग, मत्स्य पालन केन्द्र, नैनीताल, लखीमपुर, बाराबंकी सहित पूरे देश में फैली तकरीबन पचास हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति के लिये वह आजीवन सरकार से भिड़ते रहे. इसके अलावा ईराक, ईरान, पाकिस्तान, लंदन आदि देशों में भी उनकी संपत्ति यां फैली हैं.


    राजा की 421 करोड़ की संपत्ति जब्त
    साल 2020 में लखनऊ एडीएम कोर्ट ने सीलिंग एक्ट के तहत राजा महमूदाबाद की 421 करोड़ की संपत्ति जब्त करने के आदेश जारी कर दिए. इसके तहत लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, बाराबंकी, हरदोई सहित कई जिलों की गांवों की जमीनें जब्त करने के आदेश दिये गए थे.

    जनता के दिलों में बसे थे राजा
    रियासत के मालिक होने के साथ-साथ जनता के दिलों में राजा मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान राज करते थे. महमूदाबाद से एक प्रभावशाली नेता का टिकट काटकर राजीव गांधी ने कांग्रेस से साल 1985 में उन्हें टिकट दिया था. कांग्रेस के टिकट पर जब पहली बार 1985 में उन्होंने चुनाव लड़ा तो जनता ने इन्हें दिल खोलकर समर्थन दिया. वे करीब 28 हजार वोट से चुनाव जीते. फिर साल 1989 में बोफोर्स मामले की वजह से कांग्रेसी हार रहे थे, तब भी चुनाव में जनता ने इन्हें समर्थन देकर करीब तीन हजार मतों के अंतर से चुनाव जिताया. राजा ने जमीन से जुड़कर चुनाव लड़ा. ग्रामीण इलाकों में चुनाव प्रचार के लिए जाने पर वे गुड़ और चना जरूर मांगकर खाते थे. चुनाव प्रचार के दौरान बिना भेदभाव के लोगों को गले लगा लेते थे. इसके बाद उन्होंने जनता को पर्याप्त समय न दे पाने में असमर्थ होने के कारण आगे चुनाव न लड़ने का फैसला किया.

    233 गांवों में जब्त हुई 388 करोड़ की जमीनें
    शत्रु संपत्ति के तहत जनपद सीतापुर के 182 गांवों में कुल 388.391 हेक्टेयर जमीन जब्त की गई. जिसकी कीमत करीब 388 करोड़ है. लखीमपुर खीरी के 31 गांवों में करीब 11 करोड़ की 10.659 हेक्टेयर जमीन सरकार ने अपने कब्जे में ली. बाराबंकी के 20 गांवों में करीब 23 करोड़ की 23.045 हेक्टेयर जमीन सरकार ने अपने कब्जे में ली. वहीं लखनऊ में भी राजा महमूदाबाद की अकूत संपत्ति है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में राजा महमूदाबाद और उनके परिवार की जमीनें हैं. इसके अलावा इराक, पाकिस्तान और अन्य देशों में भी अकूत संपत्ति है. उत्तराखंड में भी उनकी 396 संपत्तियां आंकी गई हैं. अक्टूबर 2006 में हुए सरकारी आकलन के अनुसार, उनकी संपत्तियों की कीमत करीब 50 हजार करोड़ रुपए थी.

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