राज्यपाल से मिलने पहुंचे गहलोत
जयपुर। राजस्थान में राज्य सरकार और राजभवन के बीच चल रहा टकराव थम नहीं पा रहा है। राजभवन ने अशोक गहलोत सरकार की विधानसभा-सत्र बुलाने की मांग वाली फाइल तीसरी फिर वापस लौटा दी है। राजभवन ने सरकार से कहा है कि कोरोना काल के मद्देनजर हम एट होम का कार्यक्रम भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में विधानसभा सत्र का क्या है औचित्य ? 1000 कर्मचारी और 200 विधायकों की कोरोना काल से कैसे सुरक्षा होगी। वहीं दोपहर करीब 1 बजे सीएम अशोक गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने के राजभवन पहुंचे हैं।
विधानसभा सत्र बुलाने की मांग पर सरकार और राजभवन के बीच बना गतिरोध अभी भी नहीं टूटा है। इस मसले को लेकर गहलोत सरकार की ओर से राज्यपाल द्वारा उठाई गई आपत्तियों का जवाब देने के बाद बुधवार को राजभवन ने संसदीय कार्य विभाग को तीसरी बार फाइल वापस लौटा दी है। सूत्रों के मुताबिक इसमें राजभवन की ओर से अभी भी सत्र बुलाने की मंजूरी नहीं दी गई है।
उसके बाद आज शाम को होटल फेयरमोंट में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हो सकती है। सीएम अशोक गहलोत विधायकों के साथ बैठकर आगे की रणनीति तय करेंगे। कांग्रेस इस मसले पर राष्ट्रपति के पास जाकर राज्यपाल की शिकायत भी कर सकती है। वहीं फिर से कैबिनेट बैठक करके राज्यपाल को चौथी बार विधानसभा-सत्र बुलाने का प्रस्ताव भी भेजा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा-सत्र बुलाने को लेकर राजभवन और सरकार में ठनी हुई है। सरकार 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाने पर अड़ी है, जबकि राजभवन सत्र के लिए राज्य सरकार की ओर से दिये जा रहे तर्कों से सहमत नहीं है। इसको लेकर गत करीब एक सप्ताह से दोनों पक्षों में गतिरोध बना हुआ है। वहीं राज्यपाल ने बुधवार को कोरोना पर चिंता प्रकट करते हुए आगामी 15 अगस्त को राजभवन में होने वाले एट होम कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।
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