इंदौर। कल अचानक सरकार और संगठन ने निगम-मंडलों (corporations) में राजनीतिक नियुक्तियां कर सबको चौंका दिया। जाहिर है इसमें सिंधिया समर्थकों (Scindia supporters) को मौका मिलना था तो उन्हें भी उपकृत कर दिया गया। जिन नेताओं का विधानसभा (Assembly) का टिकट काटा गया था, उन्हें भी सम्मान दिया गया तो 2018 में पार्टी उम्मीदवार (Candidate) के खिलाफ बदनावर से बागी लड़े राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) को भी एक निगम में उपाध्यक्ष (Vice President) बनाया गया है।
युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे सावन सोनकर (Sawan Sonkar) का कद भी पार्टी ने बढ़ा दिया। सावन को लेकर लग रहा था कि उन्हें सांवेर में तुलसी सिलावट (Tulsi silvat) की मदद का पुरस्कार संगठन में लेकर दिया जा सकता है, लेकिन सभी नियुक्तियां होने के बाद सावन निराश से हो गए थे। सावन इंदौर के अकेले ऐसे नेता हैं, जिन्हें मप्र राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष की जवाबदारी सौंपी है।
उनके साथ रमेश खटीक को उपाध्यक्ष बनाया है, लेकिन सोनकर को सीधे अध्यक्ष बनाकर उन्हें प्रदेश का नेता बना दिया है, वहीं नेपानगर की मंजू दादू (Manju Dadu of Nepanagar) को टिकट कटने का इनाम उन्हें मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) राज्य कृषि विपणन बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में दिया गया है। मंधाता से 2018 में नारायण पटेल (Narayan Patel) से हारे नरेन्द्रसिंह तोमर (Narendra Singh Tomar ) को पर्यटन विकास निगम का उपाध्यक्ष बनाया है।
वे 2019 में फिर टिकट के दावेदार थे, लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम के चलते नारायण पटेल को टिकट दे दिया गया था। 2018 में ही बदनावर विधानसभा में भाजपा की हार का कारण बने राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) को मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन (Madhya Pradesh State Civil Supplies Corporation) का उपाध्यक्ष बनाया है। वे उस समय 30 हजार वोट लाए थे। बाद में उन्हें भाजपा में शामिल करने का विरोध पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत (Bhanwar Singh Shekhawat) ने किया था, लेकिन पार्टी के निर्णय के आगे उनका विरोध दबकर रह गया। वैसे कल की नियुक्तियों में चर्चा इंदौर की भी रही, जहां कई अनुभवी नेताओं के होने के बावजूद निगम-मंडलों में उन्हें नहीं लिया गया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved