नई दिल्ली । देश के कई राज्यों में आसमानी आफत के आगे इंसान बेबस और लाचार नजर आ रहा है. मैदान से लेकर रेगिस्तान तक बारिश- ही बारिश (rain) हो रही है. पहाड़ों पर भी परेशानी कम नहीं हो रही है. भारी बारिश (Heavy rain) और बाढ़ (Flood) की सबसे ज्यादा मार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में देखने को मिल रही है. राजस्थान (Rajasthan Flood) और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश और बाढ़ से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. इंसानों से लेकर जानवर तक मुसीबत में हैं.
राजस्थान में बूंदी से लेकर बारां तक बाढ़ से बुरा हाल है. रायपुरियां गांव में 300 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. मध्य प्रदेश में चंबल नदी एक बार फिर अपने रौद्र रूप में है. चंबल नदी के उफान से कई गांव पानी में डूब गए हैं.
मध्य प्रदेश में बाढ़ से हाल बेहाल
मध्य प्रदेश में चंबल नदी किनारे बसे भिंड के आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं. कई जगहों पर सेना के हेलीकॉप्टर से खाद्य और राहत सामग्री भेजी गई है. चंबल का यह रौद्र रूप गांधी सागर बांध से 12500 क्यूमैक्स पानी छोड़े जाने के चलते बना है. उदी घाट पर चंबल का खतरे का निशान 119 मीटर है, लेकिन वर्तमान स्थिति में चंबल नदी 5 मीटर ऊपर 124 मीटर पर बह रही है और देर शाम तक 9 मीटर ऊपर होकर 128 मीटर तक पहुंचने की संभावना है. 25 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटने की संभावना जताई गई है.
चंबल का रौद्र रूप
फिलहाल चंबल के इस भयावह रूप की वजह से अटेर इलाके के आधा दर्जन गांव जिनमें नावली, वृंदावन, खैराट सहित आधा दर्जन गांवों की संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट चुके हैं और देर रात तक 25 गांव जिनमें मुकुट पूरा, नावली, वृंदावन, दिन्नपूरा, कछपुरा खेराट, चिलोंगा, कौशड, मड़ैया, रमा, ज्ञानपुरा, सराय, गड़ा, खोना गांव का संपर्क पूरी तरह से कटने की संभावना है. किसी आपात स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट पर है. भिंड जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ होमगार्ड की टीमें हटी इलाके में वोट के साथ तैनात कर दी हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बाढ़ पीड़ित अटेर इलाके का हवाई दौरा करने वाले हैं.
सिंध नदी भी उफान पर
उधर, सिंध नदी भी मड़ीखेड़ा डैम से पानी छोड़ जाने के बाद उफान पर है, जिसमें सिंध नदी किनारे बसे दो दर्जन गांवों में अलर्ट जारी किया गया है, उनमें मणियन जख्मोली, खेरा, श्यामपुरा, काकाहारा, तेहनगुर, सांधुरी, वछरौली, बछरेटा, भरौली, बरेठी राज, खुर्द, खेरिया सिंध, कछार, इंदुर्खि, कौंध, निवसाई, महायर, रेमजा, मैहदा, पड़ौरा, दोहई, हिलगवा, धौर, परीयच, मटियाली, खुर्द लिलवारी, लगदुआ, बारहा, किशवगढ़, अजनार, रोहनी सिंह पुरा, मडॉरी, सिंरोज बाढ़ प्रभावित हो सकते हैं जिसके चलते होमगार्ड की एक टीम यहां पर भी तैनात की गई है.
राजस्थान में बारिश से बाढ़ के हालात
राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद बाढ़ के हालात बने हुए हैं. कालीसिंध नदी अभी भी खतरे के निशान पर है. आधा दर्जन गांव टापू बन गए हैं. रायपुरिया गांव से 322 लोगो को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. प्रशासन के अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि करीब 50 साल बाद इतना पानी आया है. बारां जिले के अंता में दूसरे दिन भी कालीसिंध नदी खतरे के निशान पर बह रही है. कालीसिंध में उफान के कारण बारां के पलायथा, लदवाड़ा, रायपुरिया, बालदड़ा, पाटुन्दा, हनोतीया, सहित कई गांव कालीसिंध नदी के पानी के चपेट में आ चुके हैं. इसी के साथ नागदा बलदेवपुरा पेयजल परियोजना प्लांट भी पूरी तरह से डूब गया और क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिसके कारण कई दिनों तक लोगो को पीने का पानी भी उपलब्ध नही होगा.
ओडिशा में भी मुसीबत बरकरार
उधर, ओडिशा में बाढ़ का पानी धीरे धीरे कम हो रहा है. प्रशासन की ओर से लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने का काम जारी है. पशुओं का भी इलाज किया जा रहा है. ओडिशा के बालासोर में बारिश और बाढ़ के कारण करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. झारखंड के गलुडीह बैराज से छोड़ा गया पानी बालासोर के निचले इलाकों में पहुंचने से लोगों की परेशानी बढ़ गई. उत्तरी ओडिशा में सुवर्णरेखा, जलाका और बैतरणी जैसी नदियों का जलस्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरे दबाव के कारण हुई भारी बारिश और झारखंड से बाढ़ के पानी के छोड़े जाने के कारण बढ़ गया. उत्तर ओडिशा की बाढ़ से बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर और भद्रक जिलों के 251 गांव प्रभावित हुए हैं. इन इलाकों में लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
झारंखड में पतरातू डैम के दो फाटक खोले गए
झारखंड में पतरातू डैम (Patratu Dam) का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया. डैम के दो फाटक 4 नम्बर और 6 नम्बर को मंगलवार की रात 8 बजे खोले जाने के बाद भी डैम के जलस्तर में कमी नहीं हो रहा है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से डीसी, एसपी सहित कई आला अधिकारियो की टीम डैम पहुंचकर डैम के और फाटक खोले जाने को लेकर निरीक्षण किया. फाटक खुलने पर दामोदर नदी में जलस्तर बढ़ने की संभावना है. इसका असर देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा मंदिर में दिखने की संभावना है, क्योंकि रजरप्पा मंदिर परिसर के नजदीक से दामोदर नदी गुजरती है.
हिमाचल प्रदेश में मुसीबत की बारिश
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी भारी बारिश से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है. मौसम विभाग की ओर से जारी ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) के बीच बीती रात से प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश (Heavy Rainfall) हुई. राजधानी शिमला सहित कई दूसरे इलाकों में बुधवार को झमाझम बारिश हुई. बुधवार शाम तक राज्य में 100 से अधिक सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही बाधित रही. सैकड़ों बिजली ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाएं बाधित होने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गईं. मंडी और कुल्लू जिले में बारिश की वजह से भारी नुकसान हुआ है. गुरुवार को भी राज्य के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
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