नई दिल्ली (New Delhi)। उत्तर भारत (North India) में रविवार को मूसलाधार बारिश (torrential rain) का दौर जारी रहा। बारिश के कारण हुए भूस्खलन (landslides), जलभराव (waterlogging) और आकाशीय बिजली (lightning strikes) गिरने के कारण पूरे उत्तर भारत में 53 लोगों की मौत (53 people died) हो गई। इनमें अकेले उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 34 लोगों की मौत दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक इस दौरान कई राज्यों में सामान्य से कहीं अधिक बारिश दर्ज की गई।
पहाड़ी राज्यों में भूस्लखन के चलते कई हादसे हुए। वहीं, मैदानी इलाकों में बारिश के कारण हुए जलभराव और आकाशीय बिजली की चपेट में कई लोग आए। इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्य असम में कई दिनों से जारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। आफत की इस बारिश से लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं।
पश्चिम यूपी समेत प्रदेश के कई हिस्सों में रविवार को मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। आकाशीय बिजली गिरने और बारिश के चलते हुए अलग-अलग हादसों में प्रदेश भर में 34 लोगों की जान चली गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने प्रदेश में आकाशीय विद्युत, डूबने तथा अतिवृष्टि से हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने आगरा, बदायूं, बागपत और मिर्जापुर में आकाशीय बिजली गिरने से जनहानि पर दुख व्यक्त करते हुए मृतक आश्रित को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार प्रदेश में पिछले 24 घंटे में आकाशीय बिजली गिरने से 17, डूबने से 12 तथा अतिवृष्टि से पांच व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। आकाशीय बिजली से बागपत, इटावा, उन्नाव, आगरा व बलिया में एक-एक, जालौन, कानपुर देहात, कन्नौज व गाजीपुर में दो-दो तथा मैनपुरी में चार व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। डूबने से संतकबीरनगर में एक, बदायूं में दो, बरेली में चार तथा रायबरेली में पांच व्यक्तियों की जान गई है।
इसी तरह अतिवृष्टि से एटा, कन्नौज व कौशाम्बी में एक-एक तथा जनपद मुजफ्फरनगर में दो जनहानि हुई है। गोरखपुर में बीते 24 घंटे में जिले में 14.4 मिलीमीटर बारिश हुई। हालांकि, शहरी क्षेत्र में महज 2.1 मिलीमीटर ही बारिश हुई। गोरखपुर-बस्ती मंडल के अन्य जिलों में भी कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हुई। बारिश के कारण किसी हादसे या जनजानि की खबर नहीं है।
पश्चिमी यूपी में मॉनसून सक्रिय है और पूर्वी अंचल में यह सामान्य है। रविवार को पूर्वी यूपी में कई स्थानों पर और पश्चिमी यूपी में अधिकांश स्थानों पर बारिश हुई। इस अवधि में सबसे अधिक 15 सेंटीमीटर बारिश बरेली के बहेड़ी में रिकार्ड की गई। इसके अलावा सम्भल, सहारनपुर के बेहट, मुरादाबाद, सहारनपुर में आठ-आठ, बागपत के बड़ौत, फिरोजाबाद के जसराना में सात-सात, मुजफ्फरनगर में छह, रामपुर, शाहजहांपुर, अमरोहा, मलिहाबाद, गोरखपुर के चन्द्रदीपघाट में पांच-पांच सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। इस बदली और बारिश की वजह से राज्य में दिन व रात के तापमान में गिरावट हुई है।
15 जुलाई तक यूपी में जारी रहेगा बदली बारिश का सिलसिला
उत्तर प्रदेश में 15 जुलाई तक बदली-बारिश का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं। मौसम विभाग ने 13 जुलाई तक राज्य के विभिन्न अंचलों में कहीं हल्की से मध्यम तो कहीं-कहीं भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है।
सोमवार से लेकर बुधवार तक पूरे प्रदेश में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। इसके बाद गुरुवार और शुक्रवार को राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से सामान्य बारिश होगी या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ेंगीं। पश्चिमी यूपी में मॉनसून सक्रिय है और पूर्वी अंचल में यह सामान्य है।
यहां भी तबाही
देश के पहाड़ी राज्य जम्मू के डोडा में रविवार को भूस्खलन की चपेट में आकर एक यात्री बस हादसे का शिकार हो गई। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। पुंछ में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में बहे दो सैनिकों के शव बरामद किए गए हैं। लद्दाख में लेह-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
वहीं, उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में केदारनाथ से लौट रही एक जीप भूस्खलन की चपेट में आकर गंगा नदी में गिरी गई। हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई। उधम सिंह नगर के काशीपुर में दो मकान ढह गए। हादसे में एक दंपत्ति की मौत हो गई। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश का कहर लगातार जारी है। यहां बारिश के कारण भूस्खलन से आवासों को नुकसान पहुंचा है। राज्य में हुई विभिन्न घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई।
कुल्लू-मनाली मार्ग पर कई स्थानों पर पत्थर गिरने और ब्यास नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। कुल्लू पुलिस के मुताबिक कुल्लू और मनाली से अटल टनल और रोहतांग की ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है। असम के धेमाजी में आई बाढ़ से लगभग 18 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।
जम्मू में बाढ़ की चेतावनी
जम्मू-कश्मीर में रविवार को लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश जारी रही। इसके चलते कठुआ और सांबा जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार सुबह विभिन्न इलाकों से नदियों और झरनों में जलस्तर के खतरे के निशान को पार कर जाने की खबरें आने के बाद यह अलर्ट जारी किया। यहां लोगों को अगले 24 घंटे सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
झेलम नदी का जल स्तर घटने से श्रीनगर सहित कश्मीर के निचले इलाकों में रह रहे लोगों ने राहत महसूस की है। इसके अलावा अधिकारियों ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात दूसरे दिन भी बाधित रहा।
लद्दाख में बेमौसम बर्फबारी
लद्दाख में दो दिन की मूसलाधार बारिश के बाद अब बेमौसम बर्फबारी शुरू हो गई है। लेह और करगिल रविवार रात भीषण बर्फबारी हुई है। इसके अलावा लेह-करगिल-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामायुरु में भूस्खलन होने के कारण सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सड़क पर यातायात बंद कर दिया गया है। वहीं, करगिल-जांस्कर रोड पर एहतियातन आवाजाही बंद की गई है। मौसम विभाग ने 10 से 14 जुलाई तक क्षेत्र में कुछ स्थानों पर बारिश होने और मौसम के शुष्क रहने का अनुमान जताया है।
मनाली में दुकानें और कुल्लू में कारें बहीं
हिमाचल में बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। इससे घरों को भी नुकसान पहुंचा है। राजधानी शिमला के कोठगढ़ इलाके में भूस्खलन के कारण एक घर ढह गया। इसमें एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि, रझयाणा में एक महिला की मौत हो गई। वहीं, कुल्लु के लंकड़ाबीर गांव में एक महिला और चंबा के काकियान में भी एक व्यक्ति की लैंडस्लाइड की चपेट में आने से मौत हो गई।
इसके अलावा सबसे कठिन यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा में लापता दो अन्य श्रद्धालुओं की भी मौत हो गई है। भारी बारिश के चलते यात्रा दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई है। लाहौल स्पीति के चंद्रताल में भूस्खलन के बाद सड़क बंद होने से 200 के करीब पर्यटकों और अन्य लोगों के फंसे होने की सूचना है।
राज्य आपदा अभियान केंद्र के अनुसार, राज्य में बीते 36 घंटों में भूस्खलन की 13 और बाढ़ की नौ घटनाएं हुई। ब्यास नदी में उफान के बाद 126 मेगावॉट क्षमता के लारजी बिजली परियोजना के पावर हाउस में पानी घुस गया है। लारजी प्रोजेक्ट में ब्लैक आउट हो गया है। सुरक्षा कारणों से प्रोजेक्ट में बिजली काट दी गई है। मनाली में दुकानें बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में अचानक आई बाढ़ में वाहनों के बह जाने की भी खबरें सामने आई है।
शिमला जिले में कई सड़कें बंद कर दी गई हैं। मंडी जिले में कुल्लू-बंजार-लुहरी-रामपुर को जोड़ने वाला 50 साल पुराना औट पुल भी ब्यास नदी के तेज बहाव में बह गया है। प्रदेशभर में भारी बारिश से छह नेशनल हाईवे सहित 800 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। इसके अलावा रावी, सतलुज, चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं।
पर्यटकों और यात्रियों को भारी बारिश के दौरान यात्रा करने से बचने और नदी के पास न जाने के लिए कहा गया है। राज्य सरकार ने 10 और 11 जुलाई को राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया है।
हरिद्वार में कांवड़ियों से सतर्कता बरतने की सलाह
उत्तराखंड में कई स्थानों पर भूस्खलन और बारिश से 171 सड़कें बंद हो गई हैं। इससे आम जन-जीवन के प्रभावित होने के साथ ही चारधाम यात्रा में भी रूकावट आ रही है। कुमाऊं में चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क समेत कई प्रमुख मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं।
उत्तरकाशी जिले में अगले तीन दिन तक सभी मुख्य मार्गों पर रात में वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद कर दी गई है। लगातार बारिश के कण गंगा सहित प्रदेश की प्रमुख नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। उत्तराखंड पुलिस ने भी ट्वीट कर हरिद्वार में गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए कांवड़ियों से सतर्कता बरतने को कहा है। मुख्यमंत्री धामी ने कुछ दिनों से प्रदेश में हो रही अत्यधिक बारिश के मद्देनजर लोगों से पूर्ण सतर्कता बनाए रखने व अनावश्यक आवागमन से बचने को कहा है।
राजस्थान में बारिश के पानी में डूबकर छात्र की मौत
राजस्थान के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार झुंझुनू के उदयपुरवाटी में अधिकतम 12 सेमी बारिश दर्ज की गई। वहीं, मलसीसर में 11 सेंटीमीटर और अजमेर में आठ सेंटीमीटर बारिश हुई है। कई अन्य इलाकों में भी सात सेमी से कुछ कम बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा सीकर में गड्ढे में भरे बारिश के पानी में डूबकर 17 वर्षीय छात्र की मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक करण शर्मा ने बताया कि नवलगढ़ रोड पर सीवरेज कार्य के लिए गड्ढा खोदा गया था, जिसमें बारिश का पानी भर गया। छात्र युवराज सिंह शनिवार शाम कोचिंग से लौटते समय गड्ढे में गिरकर डूब गया।
अंबाला में टांगरी नदी का बांध टूटा
पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में रविवार को भारी बारिश जा रही। दोनों राज्यों के कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अंबाला में टांगरी नदी का बांध टूट गया है। इसके चलते 18000 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। टांगरी के साथ लगते घरों में और थोक कपड़ा बाजार की कई दुकानों में नदी का पानी धुस गया है।
अंबाला में भारी वर्षा के चलते सोमवार व मंगलवार को जिला के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में अवकाश रहने की भी घोषणा की गई। हरियाणा के संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में लगातार भारी बारिश जारी है। पंजाब के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण सेना को अलर्ट पर रखा गया है।
असम के 48 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
असम में पिछले कुछ दिनों में जारी मूसलाधार बारिश के चलते ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। धेमाजी जिले में आई बाढ़ का पानी 48 गांवों में भर गया है। इससे लगभग 18 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। जबकि, 530.07 हेक्टेयर खेत जलमग्न हो गई है। बाढ़ का पानी सिलापाथर मॉडल अस्पताल के परिसर में भी घुस गया है।
इसके अलावा डिकारी नदी में आई बाढ़ ने भी कई गांवों को जलमग्न कर दिया है और कई ग्रामीण प्रभावित हुए हैं। असम के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, गोगामुख राजस्व सर्कल क्षेत्र में लगभग 8,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि सिसोबोरगांव राजस्व सर्कल क्षेत्र में 7,400 लोग प्रभावित हुए हैं। शनिवार को असम के जल संसाधन विभाग के मंत्री पीयूष हजारिका ने धेमाजी जिले का दौरा किया और जियाधल नदी और गाई नदी तटबंधों का निरीक्षण किया।
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