इंदौर। इंदौर (Indore) के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल (Devi Ahilyabai Holkar International Airport) के ऑपरेशनल एरिया (Operational Area) में अब बारिश के पानी को सहेजा जाएगा। इससे जहां भूजल स्तर बढ़ेगा, वहीं इस पानी के आसपास की कॉलोनियों और खेतों में जाने से होने वाली परेशानी से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी।
ऑपरेशनल एरिया, यानी टर्मिनल बिल्डिंग (Terminal Building) और पार्किंग के अलावा अंदर का वो क्षेत्र जहां रनवे, एटीसी टावर, एप्रिन (Runway, ATC Tower, Aprin) सहित उड़ानों के संचालन के लिए जरूरी चीजें और खाली जमीन है, करीब 200 एकड़ से ज्यादा है। ज्यादातर हिस्सा खुला मैदान होने के कारण यहां बारिश के पानी को सहेजने की कोई व्यवस्था नहीं है। तेज बारिश में अकसर यहां पानी इकट्ठा होने के बाद आसपास के क्षेत्रों में चला जाता है। इसे लेकर कई बार आसपास की कॉलोनियों और खेतों के लोग एयरपोर्ट प्रबंधन (Airport Management) के साथ ही क्षेत्रीय विधायक और कलेक्टर तक से इसकी शिकायत कर चुके हैं। इसे देखते हुए और पानी को सहेजने के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन ने हाल ही में टेंडर जारी किए हैं।
7 करोड़ लीटर पानी सहेजा जाएगा
प्रभारी एयरपोर्ट डायरेक्टर प्रबोध शर्मा (In-Charge Airport Director Prabodh Sharma) ने बताया कि अभी दोनों टर्मिनल बिल्डिंग और ऑपरेशन एरिया के कुछ हिस्से से हर साल 31 करोड़ लीटर पानी सहेजा जाता है, लेकिन इसमें ऑपरेशन एरिया (Operational Area) का ज्यादातर हिस्सा छूटा हुआ था। इसे देखते हुए टेंडर (Tender) जारी किए गए हैं। नए सिस्टम के बाद हर साल 7 करोड़ लीटर पानी और सहेजा जा सकेगा।
टर्मिनल के पानी का होता है उपयोग
अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट पर नए और पुराने टर्मिनल भवन में पहले से रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) की व्यवस्था है। इस पानी का ज्यादातर हिस्सा भूजल बढ़ाने में काम आता है। साथ ही अतिरिक्त पानी गार्डनिंग आदि में भी काम लिया जाता है। यहां से निकलने वाले वेस्ट वाटर को भी ट्रीट करते हुए गार्डनिंग (Gardening) में काम लिया जाता है।
1.58 करोड़ से छह माह में होगा काम अगली बारिश में मिलेगी सुविधा
प्रबंधन द्वारा जारी किए गए टेंडर में इस काम के लिए 1 करोड़ 58 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही इस काम को पूरा करने के लिए टेंडर दिए जाने से छह माह का समय दिया जाएगा।अधिकारियों ने बताया कि हमारा मकसद है कि अगली बारिश से पहले यह काम पूरा कर लिया जाए, ताकि अगली बारिश में पानी सहेजा जा सके। एयरपोर्ट प्रबंधन के इस कार्य के तहत आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भारी गर्मी में भी पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा और बोरिंग भी चालू रहेंगे।
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