बीओ और बीआई को पूर्व में भी दी गई थी जिम्मेदारी, लेकिन फिर भी पूरा नहीं हुआ था टारगेट
इंदौर। नगर निगम (Nagar Nigam) अप्रैल (Aprail) माह में घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Rain Water Harvesting System) लगाए जाने को लेकर अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके तहत सभी झोनों के बीओ-बीआई को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। डेढ़ हजार स्क्वेयर फीट और उससे बड़े मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Rain Water Harvesting System) लगाया जाना अनिवार्य है और इसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा। पिछले साल एक लाख रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Rain Water Harvesting System) लगाने का टारगेट था, जो पूरा नहीं हो पाया था।
इंदौर में भूजल की स्थिति खतरनाक होने के चलते अब नगर निगम का अमला जागा है और तालाबों के संरक्षण से लेकर कई अभियान चलाने की बात कही जा रही है। गत तीन वर्षों से शहरभर में अलग-अलग घरों से लेकर शैक्षणिक संस्थानों, औद्योगिक इकाइयों, हॉस्पिटल और शासकीय कार्यालयों तक में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए थे, मगर उसके बावजूद एक लाख का टारगेट पूरा नहीं हो पाया था। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक अब फिर से अप्रैल माह में इसको लेकर अभियान चलाने की तैयारी है। सभी झोनलों पर बीओ-बीआई को निर्देशित किया गया है कि ऐसे घरों की पड़ताल कर वहां सिस्टम लगवाएं, साथ ही रहवासी संगठनों की बैठक लेकर चरणबद्ध सिस्टम लगाने का काम शुरू करें। इसके लिए झोनलों से भी लोगों को जानकारियां देने वाले बोर्ड लगाए जाएं। निगम ने सभी झोनलों पर ठेकेदारों की तैनाती कर दी थी और उनके रेट भी तय कर दिए थे, ताकि लोगों को सिस्टम लगवाने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए। डेढ़ हजार स्क्वेयर फीट से लेकर उससे अधिक के आवास, व्यावसायिक संस्थान, हॉस्पिटल, मॉल, स्कूल, शासकीय कार्यालयों आदि में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। इसी को लेकर फिर से जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, ताकि बारिश के दौरान पानी सहेजा जा सके। उधर, शहर के कई तालाबों का जीर्णोद्धार करने के लिए विभिन्न कंपनियों ने कार्य शुरू कराए थे और इनमें से अधिकांश जगह काम जारी है। वहीं नगर निगम अब कुछ एनजीओ के माध्यम से भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर कार्ययोजना तैयार कर रहा है।
नामांतरण संबंधी मामले में भी सिस्टम को लेकर फिर करेंगे सख्ती
नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक पूर्व में भी यह प्रक्रिया थी कि नामांतरण के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाता था, लेकिन यह नियम धीरे-धीरे शिथिल हो गए थे, जिसके चलते बिना प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए ही झोनलों से नामांतरण धड़ाधड़ हो रहे थे, लेकिन अब निगम फिर से इस नियम को लेकर सख्ती करने जा रहा है, ताकि लोगों के घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ज्यादा से ज्यादा लग सकें।
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