नई दिल्ली । उत्तराखंड (Uttarakhand)में बारिश के कारण उत्पन्न हुई आपदा से अब तक 64 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है (64 people died) । अलग अलग हादसों में 19 व्यक्ति जख्मी (19 people injured) भी हुए हैं। बारिश थमने (Rain stopped) के बाद अब एक बार फिर उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू हो गई (Char Dham Yatra resumed) है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हवाई सर्वेक्षण के बाद कहा कि भारत सरकार की ओर से समय पर चेतावनी मिलने के कारण बहुत कम मात्रा में नुकसान हुआ है, जन हानि बहुत कम हुई है। अब तक सरकार के पास 64 मृत्यु अधिकृत रूप से रजिस्टर हुई हैं और 11 से ज़्यादा लोग लापता हैं ।
देवस्थानम बोर्ड के डा. हरीश गौड़ ने बताया कि उत्तराखंड चारधामों के सभी मंदिरों देवस्थानमों में निरंतर नित्य प्रतिदिन पूजा-अर्चना चल रही है। कपाट खुलने से अभी तक दो लाख के लगभग तीर्थयात्री चारधाम पहुंच चुके हैं।
बदरीनाथ धाम हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध होने के कारण बुधवार को यात्रा शुरू नहीं हुई थी। जोशीमठ जिलाधिकारी हिमाशु खुराना एवं उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने सड़क मार्ग का निरीक्षण किया। इसके बाद बताया गया कि तीर्थ यात्रियों को जोशीमठ, पीपलकोटी आदि जगहों पर रोका गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार से टंगड़ी,बेनाकुली, लामबगड़, आदि स्थानों में मलवा आने से अवरूद्ध था। हालांकि अब अधिकांश स्थानों से मलबा हटा दिया गया है, जिससे ज्यादातर अवरुद्ध मार्ग अब खुल चुके हैं।
उधर बरसात के बाद अल्मोड़ा हाईवे का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस हिस्से में क्षतिग्रस्त हाईवे टूटकर नदी में बह गया। पैदल चलने तक का रास्ता नहीं बचा। हल्द्वानी से अल्मोड़ा व अल्मोड़ा से रानीखेत और बागेश्वर जाने वाले कई रास्ते टूट गए हैं कई स्थानों पर मलबा गिर जाने से वाहनों की आवाजाही ठप हुई है।
उत्तराखंड के कई अन्य स्थानों पर पर्यटकों के फंसे होने की सूचना है। पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल और कुमाऊं के विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया है। गुरुवार को वह केंद्रीय गृह मंत्री के साथ आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण करेंगे।
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