मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश-ओले और आंधी से इस वर्ष किसानों को गेहूं की फसल में काफी नुकसान हुआ है। जहां किसानों द्वारा अलग-अलग वैरायटी का बीज बोकर गेहूं की फसल लगाई गई थी। उसमें उनको एवरेज के मुताबिक कम मात्रा में फसल की पैदावार हुई है। साथ ही मौसम की मार से गेहूं की चमक भी कम हुई है।
हालांकि सरकार ने किसानों को राहत देते हुए निर्देश दिया है कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण जिन किसानों के गेहूं की 30 फीसदी तक चमक कम हुई है उन किसानों का गेहूं उसी रेट पर खरीदा जाए। अब ऐसे में जिन किसानों की फसल थोड़ी भी खराब हुई है वे अपना गेहूं लेकर खरीदी केंद्रों में पहुंच रहे हैं।
किसानों के अनुसार पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष प्रति एकड़ गेहूं की फसल में 10 से 12 क्विंटल तक माल निकल रहा है, जबकि आम तौर पर 17 से 18 क्विंटल प्रति एकड़ से फसल की पैदावार होती थी। वहीं दूसरी तरफ बहुत जगहों पर गेहूं के दाने भी काफी पतले निकल रहे हैं। इसके अलावा किसानों की फसल में कचरा और खुसी, मिट्टी आदि भी सामने आ रही है।
जिन किसानों की फसलें कट चुकी है, उनमें से बहुत से किसानों की फसलों में खुसी और कचरे के साथ-साथ मिट्टी भी आ रही है। जिसको साफ करने के लिए किसानों को पंखा और छन्ना लगाना पड़ रहा है।मौसम अपना रुख बार-बार बदल रहा है। इसके कारण किसान काफी चिंतित हैं। भारी बारिश होने से किसानों को खड़ी फसल को नुकसान ना हो इसके लिए कई किसान गीली फसल ही काटने को मजबूर हैं। वहीं दूसरी तरफ जिन किसानों की फसल कट कर रखी हुई है, उन पर भी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। इसके कारण किसान जितनी जल्दी हो सके अपनी फसल बेचने के लिए लगे हुए हैं। इससे किसी भी तरह से किसानों को भारी नुकसान ना उठाना पड़े और समय पर उनकी फसल कट कर बिक जाए।
30 प्रतिशत तक प्रभावित दानों वाले चमकहीन गेहूं को पूरे मध्य प्रदेश राज्य में बिना किसी मूल्य कटौती के खरीदा जाएगा।
इस प्रकार खरीदे गए गेहूं को अलग से ढेर करके रखा जाएगा और उसका हिसाब रखा जाएगा।
भंडारण के दौरान शिथिल मानदंडों के तहत खरीदे गए गेहूं के स्टॉक की गुणवत्ता में कोई भी गिरावट मध्य प्रदेश राज्य सरकार की पूरी जिम्मेदारी होगी।
खरीदे गए गेहूं के स्टॉक को प्राथमिकता के आधार पर समाप्त किया जाएगा।
इस छूट के कारण होने वाले किसी भी वित्तीय या परिचालन संबंधी प्रभाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
गेहूं खरीदी की मुख्य जानकारी
अनुमानित खरीद – 80 एलएमटी
एमएसपी (2275 रुपये)+ बोनस (125 रुपये) = 2400/-क्विंटल
खरीद अनुमानित तिथि – 15 मार्च से 15 मई 2024 तक
अब तक पंजीकृत कुल किसान-1548794 पिछले वर्ष के पंजीकरण का 101.18%
आरएमएस 2024-25 के लिए कुल खरीद केंद्र – 3824
अब तक कुल गठित उपार्जन केन्द्र-3568।
गुरुवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ओलावृष्टि को लेकर प्रशासन को निर्देश जारी कर किए गए हैं। किसी भी जिले में जनहानि, पशुहानि या किसी प्रकार का नुकसान होगा तो सरकार उसके प्रति गंभीर रहेगी। उसकी क्षतिपूर्ति करने के लिए मुआवजा दिया जाएगा, प्रदेश सरकार इसके लिए कृत संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं को कवर्ड परिसर में रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। 80% अनाज पहले से कवर्ड परिसर में है, लेकिन जो ओपन में है, उसको भी सुरक्षित करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। गेहूं की जो फसल आ रही है, उसकी चमक कमजोर थी। किसी कारण से उनको खरीदने में कठिनाई आ रही थी। वो निर्देश भी स्पष्ट हो गए हैं, किसान को किसी प्रकार का कष्ट न आने दें।
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