भोपाल। बारिश ने वातावरण में ठंडक ला दी। गर्मी से मिली राहत एक ओर जहां सुकून दे रही है। लेकिन तापमान में घुली ठंडक परेशानी भी खड़ी कर रही है। क्याोंकि इस मौसम में हाथ पैर में दर्द की शिकायत तेजी से बढ़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि बारिश व सर्दी का मौसम आते ही बहुत सारी बीमारियां साथ-साथ चली आती हैं। शरीर में अकडऩ, मांसपेशियों, पीठ, कमर, हाथ-पैर या शरीर के किसी भी अंग में दर्द भी ऐसी ही बीमारी है जो सर्दी बढऩे के साथ-साथ तकलीफ को और बढ़ाती है। गर्मी के मौसम के मुकाबले बारिश में इस प्रकार के दर्द की समस्या कई गुना बढ़ जाती है। यहां तक कि विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को छोड़ दें तो हर दूसरा व्यक्ति बारिश व सर्दी में किसी न किसी दर्द से जूझता है। कई बार यह परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि इससे निजात पाने में लंबा वक्त लग जाता है और इसका असर जीवन की गुणवत्ता पर असर डालता है। डा आशीष तिवारी का कहना है कि बीमारी देखने में सामान्य लगती है और यही वजह है कि इसके ज्यादातर मरीज ओपीडी में ही इलाज के लिए आते हैं। लेकिन इससे जूझ रहे लोगों पर इसका असर काफी खराब होता है। पिछले एक साल से लाइफस्टाइल में बदलाव होने से इन परेशानियों के मरीज बढ़ रहे हैं। हालांकि ऐसी दिक्कत होने पर तत्काल चिकित्सकों से परामर्श लेने के अलावा इससे बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे काफी हद तक राहत मिल सकती है।
तापमान में परिवर्तन बढ़ाता है बीमारी
चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी के मौसम के मुकाबले सर्दियों व बारिश में ये परेशानियां बढ़ती हैं। इसकी खास वजह है तापमान में परिवर्तन होना। जिससे शरीर की ब्ल्ड वेसेल्स यानि रक्त वाहिनियां और मसल्स सिकुडऩे लगती हैं। इससे खून का आवागमन भी धीमा हो जाता है। ये जोड़ों के मूवमेंट को भी बाधित करने का काम करती हैं। लिहाजा इस मौसम में जोड़ों में दर्द होता है। तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है तो ये परेशानी कम होती जाती है। हालांकि अगर किसी को गठिया की समस्या है तो यह सर्दी के कारण नहीं बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली, कोशिकाओं पर हमला करने के कारण होती है। जो जोड़ों को जोड़ती है।
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