इस्लामाबाद: पाकिस्तान पर आर्थिक संकट (Financial Crisis in Pakistan) के बीच अब कुदरत की भी मार पड़ी है. पहले से ही महंगाई से परेशान लोगों को अब बारिश ने भी संकट में डाल दिया है. बिगड़ते हालात में कई जगह आई बाढ़ की वजह से लोगों के मरने की भी खबर आई हैं. रिपोर्ट के अनुसार अब तक 300 से अधिक पाकिस्तानी भयंकर बारिश में जान गंवा चुके हैं. पाकिस्तान का बलूचिस्तान (Balochistan) और कराची इस समय सबसे अधिक बारिश की मार को झेल रहा है. अकेले दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में 111 लोगों की मौत हुई है. पाकिस्तान के बड़े शहरों में जगह जगह घुटनों तक पानी भर गया है. बाढ़ आने से कई बीमारियों को खतरा भी बढ़ चुका है.
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
पाकिस्तान में बारिश ने हाल बेहाल किया हुआ है. राजनीती की उठा पटक के बीच मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. बारिश के कारण बलूचिस्तान के 10 जिलों में हाई अलर्ट है.
सोलर पैनल ख़राब
बारिश ने जहां फसलों और घरो को नुकसान पहुंचाया ही है तो वहीं बिजली के लिए लगे सोलर पैनल को भी ख़राब कर दिया है. 2400 से अधिक सोलर पैनल को नुकसान पहुंचा है. साथ ही 16 डैम की दीवारों में भी नुकसान की खबर है.
खस्ताहाल सीवेज ने बढ़ाई परेशानी
पाकिस्तान में इस साल का मानसून सबसे बुरा माना जा रहा है. वहीं शहरों के खराब बुनियादी ढांचों ने मुश्किलें भी बढ़ा दी है. कराची के खस्ताहाल सीवेज ने सभी नालियों को जाम कर दिया है. सड़कें पानी से लबालब भारी पड़ी है.
क्लाइमेट चेंज की मार
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक सरदार सरफराज ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि इस महीने शहर में अभूतपूर्व 568 मिलीमीटर (22.3 इंच) बारिश हुई है. यह आंकड़ा कराची के मौजूदा औसत से लगभग तीन गुना और दो दशक पहले की तुलना में चार गुना से अधिक है. क्लाइमेट चेंज ने महज दो दशक में कराची में होने वाली बारिश के औसत को चार गुना बढ़ा दिया है. पर्यावरण एनजीओ जर्मवॉच के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसम की चपेट में आने वाले देशों की सूची में पाकिस्तान आठवें स्थान पर है. ऐसे में क्लाइमेट चेंज का सबसे अधिक असर भी पाकिस्तान में पड़ रहा है.
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