नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ट्रैक (Indian Railway Track) और स्टेशनों (Stations) पर होने वाले हादसों (Accident) को रोकने के लिए मिशन जीरो डेथ (Mission Zero Death) चला रहा है. इसके तहत रेलवे के सभी जोन अपने अनुसार फैसले ले रहे हैं और उन पर सख्ती से अमल कर रहे हैं. इसका असर भी देखने को मिल रहा है. केवल मध्य रेलवे में पिछले 10 माह में 14 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है. रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे यात्रियों को राहत मिल रही है.
भारतीय रेलवे ने ‘मिशन जीरो डेथ’ अभियान चला रखा है. इसके तहत जनवरी से अक्टूबर-2024 के दौरान पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में “ट्रैक पर मौत” के मामलों में 14% की कमी आई है. जनवरी से अक्टूबर 2023 के दौरान 2755 मामलों से जनवरी से अक्टूबर 2024 के दौरान 2388 मामले रह गए हैं. “चोटों” के मामलों में 10% की कमी आई है.
जनवरी से अक्टूबर 2023 के दौरान 1352 मामलों से जनवरी से अक्टूबर 2024 के दौरान 1211 मामले रह गए हैं. कुल घटनाओं (मृत्यु/चोटों) में 13% की कमी आई है. जनवरी से अक्टूबर 2023 के दौरान 4107 मामलों की तुलना में जनवरी से अक्टूबर 2024 के दौरान 3599 मामले रह गए हैं. इन घटनाओं का एक बड़ा कारण पटरी पार करना यानी ट्रेस पासिंग था.
अतिक्रमण नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण ब्लैकस्पॉट/सेक्शन पर आरपीएफ कर्मचारियों की तैनाती गयी. अतिक्रमण सेक्शन में सीमा दीवार का निर्माण कराया गया. रेलवे सीमा पर अतिक्रमण हटाना गया. अतिक्रमण करने पर रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत जुर्माना लगाया गया. प्लेटफार्मों के छोर पर बाड़ लगाना और अतिक्रमण से बचने के लिए प्लेटफार्मों के सिरों पर रैंप हटाना शामिल है. इसके अलावा ब्लैक स्पॉट के पास सीटी बोर्ड भी लगाया गया है.
प्लेटफॉर्म चौड़ा करना, नए प्लेटफॉर्म का निर्माण करना, एफओबी का निर्माण, सबवे का निर्माण, नॉन एसी उपनगरीय ट्रेनों को एसी लोकल से बदलने की योजना (मुंबई डिवीजन में), एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने से बचने के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट लगाने का काम किया जा रहा है. रेलवे इस प्रयास से हादसों में कमी के साथ यात्रियों को भी राहत मिलेगी.
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