बक्सर: बिहार के बक्सर जिले में बुधवार (11 अक्टूबर) की रात नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने के हादसे की जांच आखिरकार रेलवे सेफ्टी कमिश्नर को सौंप दी गई है. दुर्घटना में चार यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि और 30 से अधिक के घायल होने की जानकारी गुरुवार (12 अक्टूबर) दोपहर तक स्पष्ट हो चुकी है. इसके बाद रेलवे ने सुरक्षा आयुक्त को जांच का जिम्मा सौंपा है.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन का नौवां कोच (एम-2), 11वां (बी-7), 16वां (बी-4) और 15वां (बी-5) कोच ट्रेन की मूविंग स्थिति में ही पटरी से उतर गए थे. पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त को जांच सौंप दिया गया है.
दुर्घटना में जान गंवाने वालों को वित्तीय मदद
कुमार ने कहा, “इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, 4 यात्रियों की मृत्यु हो गई, 4 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए, और 26 यात्रियों को मामूली चोटें आईं. रेलवे प्रशासन ने इस घटना में मारे गए यात्रियों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की राशि देने का निर्णय लिया है. साथ ही, दुर्घटना में घायल हुए प्रत्येक यात्री को 50,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी.
रेल मंत्री ने दिया था जांच का आश्वासन
बुधवार की रात दुर्घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर शोक जाहिर किया है. गुरुवार को रेल मंत्री ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स ( पूर्व में ट्विटर ) पर लिखा, ‘ रेल दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को हुई अपूरणीय क्षति के लिए गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. कोच के पटरी से उतरने के मूल कारणों का पता लगाएंगे.’
हादसा उस समय हुआ जब आनंद विहार टर्मिनल से कामाख्या जा रही ट्रेन संख्या 12506 नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस रात 9:53 बजे दानापुर मंडल के रघुनाथपुर स्टेशन के पास से गुजर रही थी. दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत दुर्घटनास्थल पर पहुंचे. सभी यात्रियों को घटनास्थल से अपने-अपने गंतव्य तक रवाना कराने के लिए रघुनाथपुर से एक विशेष ट्रेन चलाई गई है. गुरुवार की सुबह ट्रेन के बरौनी स्टेशन पहुंचने पर इन यात्रियों को भोजन और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी गयी.
घटना की जानकारी मिलते ही अलर्ट हुआ रेलवे
ईसीआर की ओर से जारी बयान में बताया गया है, ”हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन की मदद से सभी घायलों को रघुनाथपुर, आरा, बक्सर और पटना के अस्पतालों में भर्ती कराया. रेलवे का सामान्ष परिचालन बहाली का काम प्रगति पर है.” बयान में कहा गया, “दुर्घटना के संबंध में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से हेल्पलाइन नंबर साझा किए गए हैं.”
क्या होता है रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की जांच का फायदा
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे में हर बार हादसे के बाद मंत्रालय की तरफ से कमिश्नर या चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफटी से जांच करवाई जाती है. इसका मकसद दुर्घटनाओं के सही कारणों का पता लगाना होता है ताकि जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सके. रेलवे में जान या माल या दोनों के नुकसान का जो मामला सीआरएस की जांच के लायक पाया जाता है, उसकी जांच कराई जाती है.
अगर रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की जांच संभव न हो तो कई बार हादसों या किसी गंभीर घटना की जांच रेलवे के उच्च अधिकारियों की समिति से भी कराई जाती है. यह भविष्य में रेलवे परिचालन सुरक्षित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है.
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