नई दिल्ली: उत्तर पश्चिम रेलवे ने नया रिकॉर्ड बनाया है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में सितंबर माह तक 13.36 मिलियन टन माल लोड करके पिछले साल की इसी अवधि में किये गए लोडिंग 8.53 मिलियन टन से 56% से भी अधिक बढ़ोतरी कर भारतीय रेलवे में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
उत्तर पश्चिम रेलवे पर सीमेंट, क्लिंकर, खाद्यान्न, पेट्रोलियम, कन्टेनर सहित अन्य प्रमुख कमोडिटी का परिवहन किया जाता है. इसके अलावा उत्तर पश्चिम रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष में सितंबर माह तक समयपालनता (Punctuality) 98.66% प्राप्त की है, जो कि समस्त रेलों में सबसे अधिक है.
भारतीय रेलवे में उत्तर पश्चिम रेलवे का प्रथम स्थान
दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे ने मेल/एक्सप्रेस की सितम्बर माह तक समयपालनता (Punctuality) 98.66% प्राप्त की है, जो भारतीय रेलवे के समस्त रेलों में सबसे अधिक है. पिछले साल की इसी अवधि में भी उत्तर पश्चिम रेलवे समयपालनता में प्रथम स्थान पर था. लेफ्टिनेंट शशि किरण के अनुसार, उत्तर पश्चिम रेलवे कि यह उपलब्धि महाप्रबंधक विजय शर्मा के कुशल निर्देशन एवं प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक रवीन्द्र गोयल के मार्गदर्शन से संभव हो पाई है.
उत्तर पश्चिम रेलवे पर लदान आय बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों के तहत खेमली, बांगड़ ग्राम, अनूपगढ़, अलवर, गोटन, कनकपुरा, थेयात हमीरा, भगत की कोठी, गोटन स्टेशनों पर नई मदों की लोडिंग प्रारंभ की गई है. उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी सर्वांगीण क्षमता और प्रदर्शन में सुधार करके यह उपलब्धि प्राप्त की है.
सर्वाधिक 56 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 में सितंबर माह तक 13.36 मिलियन टन का प्रारंभिक लदान कर 1541.69 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है, जो 2020-21 की इसी अवधि में 8.5 मीट्रिक टन लदान से प्राप्त राजस्व 999.4 करोड़ से क्रमशः माल लदान में 56.62 फीसदी एवं राजस्व में 54.26 फीसदी अधिक है.
गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड ने उत्तर पश्चिम रेलवे के पिछले साल के माल लदान के प्रदर्शन को देखते हुए इस साल अधिक लदान का लक्ष्य तय किया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2020-21 में 22.24 मिलियन टन माल लदान किया तथा इस वित्तीय वर्ष में रेलवे बोर्ड ने 26.50 मिलियन टन का लक्ष्य रखा है.
जानिए किनको मिल रही छूट?
इसके अलावा, रेलवे माल गाड़ी को किफायती और आकर्षक बनाने के लिए रेलवे कई रियायतें और छूट भी दे रही है. जोन में व्यवसाय विकास इकाइयों (BDU) को मजबूत बनाने, उद्योगों और लॉजिस्टिक सेवाएं देने वाले ग्राहकों से कॉम्युनिकेट करने और जल्दी से भारतीय रेल का माल ढुलाई की प्रक्रिया काफी तेजी से विकसित हो रहा है. ऐसे में, किसी भी तरह की परेशानी उद्यमियों को ना हो सके और रेलवे अपने लक्ष्य को भी आसानी से पा सके.
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