भोपाल। भारतीय रेलवे (Indian Railway) ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए कर तरह के कदम उठा रहा है। चाहे वह दुर्गम रास्ता क्यों न हो वहां पर ट्रेनों (railway) की स्पीड पर जोर दिया जा रहा है। देश के अनेक स्थानों पर रेल्वे (railway) जंगली स्थानों पर टलन के माध्यम से लाइनें डाली जा रही है। इसी तरह अब मध्य प्रदेश में इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है।
दरअसल, भोपाल मंडल के बरखेड़ा से बुधनी के बीच रेलवे की तीसरी लाइन का काम बड़ी तेज गति से किया जा रहा है, हालांकि कोरोना के वजह से इस काम में देरी हुई है, लेकिन यहां घने जंगल के बीच से होकर निकलने वाले रेलवे ट्रेक निर्माण से वन्य जीवों को पानी के प्राकृतिक स्रोतों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि जंगल के बीच से गुजरी रेल लाइन क्रास करने के दौरान कई वन्य जीव रेल हादसे का शिकार हो चुके हैं। इसी से निपटने के लिए अब अब रेलवे निर्माणाधीन 26.50 किमी रेल लाइन पर पांच सुरंगों का निर्माण करा रहा है। यहां तक इन टनल बन जाने के कारण ट्रेनों की भी स्पीड बढ़ जाएगी।
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हरित ऊर्जा की दिशा में अग्रसर भारतीय रेल:
पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर स्टेशन को ऊर्जा न्यूट्रल स्टेशन बनाया गया।
▪️पीपीपी मॉडल के तहत 1000 किलो वाट्स पॉवर का सोलर प्लांट स्थापित
▪️सोलर प्लांट से हर महीने औसतन 104000 यूनिट का उत्पादन
▪️साल भर में ₹ 44 लाख के राजस्व की बचत pic.twitter.com/UF1PUwFrAy— Ministry of Railways (@RailMinIndia) October 7, 2021
बता दें कि रेलवे इटारसी-भोपाल के बीच बुदनी -बरखेड़ा घाट सेक्शन में तीसरी रेल लाइन के लिए 5 बड़ी टनल बना रहा है। यह कार्य अलग अलग स्तर पर तेजी से किया जा रहा है। हो सकता है कि यह परियोजना फरवरी 2023 तक ये पांचों सुरंगें तैयार हो जाएंगी। रेलवे पहली टनल बुदनी के पास बना रहा है. यह एक किमी लंबी है। इस लाइन को विंध्याचल पर्वत के मिडघाट सेक्शन पर बनाया जा रहा है। दूसरी टनल 200 मीटर की बनाई जा रही है। तीसरी टनल का काम भीमकोठी के पास चल रहा है। यहां 250 मीटर की टनल बन रही है वहीं चौथी टनल 150 मीटर लंबी और पांचवीं टनल 450 लंबी बनाई जा रही है।
गौरतलब है कि इटारसी से बुदनी तक तीसरी रेल लाइन का काम पूरा कर लिया गया है। साल 2018-19 में तीसरी रेल लाइन का ट्रायल किया गया था. ये ट्रायल सफल रहा। अब यहां फिलहाल मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं।
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