भोपाल। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने अपने पूर्व आदेश की अवहेलना के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह व कोटा डीआरएम को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी। कैट की जबलपुर बेंच के न्यायिक सदस्य रमेश सिंह ठाकुर व प्रशासनिक सदस्य नलिनी जयशीलन की कोर्ट ने पमरे के प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी मंगूराम मीणा को सख्त हिदायत दी कि वे अगली सुनवाई तिथि तीन दिसम्बर को सम्बंधित परीक्षा के सभी रिकॉर्ड सहित हाजिर रहें। पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर जोन में डेढ़ महीने पहले सहायक मंडल इंजीनियर (एईएन) पद के लिए विभागीय पदोन्नति परीक्षा आयोजित की गई थी। तकरीबन 22 पदों के लिए जोन के जबलपुर, भोपाल व कोटा मंडल के 73 वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) शामिल हुए थे। परीक्षा के बाद वरिष्ठता के आधार पर 40 एसएसई को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। अधिवक्ता एसके नन्दी ने तर्क दिया कि यह इंटरव्यू एक अक्टूबर को जबलपुर में ऑनलाइन हुआ था। कोटा से भी कई एसएसई इस इंटरव्यू में ऑनलाइन शामिल हुए थे। शाम को इंटरव्यू के बाद एप्रूवल और पोस्टिंग लिस्ट तैयार की गई। कई एसएसई ने रात में ही एईएन का पद भी संभाल लिया। वहीं, अन्य एसएसई ने राष्ट्रीय अवकाश के दिन दो अक्टूबर को नया पदभार ग्रहण किया था। कोटा में दो और गंगापुर में एक एईएन ने पदभार ग्रहण किया था। कोटा के रेलवे इंजीनियर्स ने परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दो अक्टूबर को ही जबलपुर स्थित केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में ऑनलाइन याचिका दायर की थी। इंटरव्यू से चूक गए इंजीनियर्स ने याचिका में बताया कि चार वरिष्ठ एसएसई के परीक्षा में शामिल होने से मना करने पर उनका नंबर आ रहा था। लेकिन, रेलवे उनकों परीक्षा में शामिल नहीं करना चाहती थी। कैट ने चारों को परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया था। इसके बाद वे परीक्षा में शामिल हुए और पास भी हो गए। इसके बावजूद इंटरव्यू लिस्ट से रेलवे ने उनके नाम हटा दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से इसी आदेश की अवहेलना को कैट की अवमानना बताया गया। इस पर कैट ने पमरे जीएम, कोटा डीआरएम और सीपीओ को तलब किया था। जीएम, डीआरएम व सीपीओ हाजिर हुए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने जीएम, डीआरएम की अर्जी पर उनकी हाजिरी माफ कर सीपीओ को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का सख्त निर्देश दे दिया। लिहाज़ा, अब देखने लायक बात यही होगी कि तीन दिसंबर को ऊंट किस करवट बैठता है?
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