नई दिल्ली। उत्तर रेलवे की दिल्ली डिवीजन ने दो वर्ष के बाद मोलासेस का लदान कर 74 लाख रुपये की आय अर्जित की। वहीं लखनऊ डिवीजन ने पहली बार मोहन लाल गंज से अजारा के लिए चावल का तथा फैजाबाद से दनकुनी के लिए चीनी का लदान किया गया।
इससे एक दिन पहले उत्तर रेलवे ने सात साल के लम्बे अंतराल के बाद डी-ऑइल्ड केक (एग्रो उत्पाद ) का लदान किया था।
उत्तर एवं उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि उत्तर रेलवे अपनी व्यावसायिक विकास इकाई (बीडीयू) के माध्यम से माल ढुलाई के कारोबार को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बिजनेस डेवलपमैंट यूनिटों के गठन के सकारात्मक नतीजे आने लगे हैं।
दिल्ली मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट के निरंतर प्रयासों और कंपनियों के साथ बेहतर सम्पर्क के चलते दो वर्ष के बाद अंतराल 12 सितम्बर को हरियाणा के गोहाना से ओडिशा के खुरदा रोड जंक्शन के लिए मोलासेस का लदान कर 74, 01, 354 रुपये की आय अर्जित की। उन्होंने बताया कि दिल्ली मंडल ने 12 सितम्बर को गोहाना से 48 बीटीपीएन का एक रैक खुरदा रोड जंक्शन ओडिशा के लिए लदान कर एक नए माल यातायात की प्राप्ति की ।
लखनऊ मंडल के बीडीयू यूनिट के प्रयासों से मोहन लाल गंज से अजारा के लिए पहली बार चावल का लदान किया गया तथा बलराम पुर चीनी मिल लिमिटेड द्वारा फैजाबाद से दनकुनी के लिए चीनी का लदान किया गया । 10 सितम्बर को उत्तर रेलवे द्वारा 7वीं व्यापार माला एक्सप्रेस रेलगाड़ी चलाई गयी । इस व्यापार माला एक्सप्रेस में गेहूं के 21 वैगन सुलतानपुर से सालचापरा (असम) के लिए और डी-ऑयिल्ड केक के 21 वैगन फ़ैजाबाद से चंग्रबांधा (पश्चिम बंगाल) के लिए भेजे गए ।
चौधरी ने बताया कि छोटे एवं मंझोले व्यापारियों की रेल परिवहन आवश्यकताओं के लिए हर संभव सहायता की जायेगी ।उत्तर रेलवे भविष्य में भी कंपनियों के साथ संपर्क बनाए रखकर अपने माल व्यापार को बढ़ाने के प्रयासों को जारी रखेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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