नई दिल्ली । रेल (Rail) से सफर तो आपने किया ही होगा. सफर करते समय बहुत सारी ऐसी चीजें देखने को मिलती है, जिन्हें देख कर हमारे मन में उनके होने के कारण को जानने की जिज्ञासा जाग्रत होती है. उसमें रेलवे का कोई चिन्ह हो या फिर स्टेशनों (stations) के अलग-अलग नाम. आज बात करेंगे रेलवे स्टेशनों (railway stations) के नाम की.
अगर रेलवे स्टेशनों के नाम पर आपने कभी गौर किया हो तो देखा होगा कि स्टेशन के नाम के बाद में भी कुछ जुड़ा होता है. स्टेशन के नाम के पीछे जुड़ा यह शब्द अलग-अलग होता है, जिसका एक विशेष ही मतलब होता है. हम आपको रेलवे स्टेशन के नाम से जुड़े एक फेक्ट के बारे में बताएंगे.
अगर आप रेलवे स्टेशनों के नाम पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि किसी स्टेशन के नाम के आगे जंक्शन लगा होता है, किसी के नाम के आगे टर्मिनल तो किसी के नाम के आगे सेंट्रल लगा होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? भारतीय रेल नेटवर्क लगभग 65 हजार किलोमीटर लंबा है. इस विशालकाय रेल नेटवर्क में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 7349 है. तो चलिए जानते हैं कि स्टेशनों के नाम के पीछे लगे इन तीनों शब्दों में क्या अंतर होता है.
रेलवे टर्मिनल
टर्मिनल और टर्मिनस दोनों शब्दों का मतलब एक ही होता है. टर्मिनल का अर्थ होता है ‘आखिरी स्टेशन’. जिसका मतलब होता है कि यहां से ट्रेनें आगे नहीं जाती हैं और यह रूट का आखिरी स्टेशन है. टर्मिनल शब्द को टर्मिनेशन से लिया गया है, जिसका अर्थ है खत्म हो जाना. उदाहरण के लिए ऐसे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और आनंद विहार टर्मिनल आादि हैं.
रेलवे जंक्शन
अगर किसी स्टेशन के नाम से जंक्शन जुड़ा है, तो समझिए कि वहां दो से ज्यादा ट्रेन रूट निकल रहे हैं. यहां से कम से कम दो ट्रेनें एक साथ आ या जा सकती हैं. भारतीय रेल में सबसे ज्यादा रूट वाला जंक्शन मथुरा है. यहां से सात रूट निकलते हैं.
रेलवे सेंट्रल
अगर स्टेशन पर सेंट्रल लिखा है तो समझिए कि यह शहर का सबसे मुख्य और पुराना स्टेशन है. यहां पर एक साथ कई ट्रेनें आती हैं और जाती हैं. सेंट्रल स्टेशन उन शहरों में बनाया जाता है, जहां दूसरे रेलवे स्टेशन भी होते हैं. देश में प्रमुख सेंट्रल स्टेशन मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल, कानपुर सेंट्रल आदि हैं. सेंट्रल स्टेशन के जरिए ही बड़े शहरों को आपस में जोड़ा जाता है.
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