भोपाल। रेलवे की सीमा में आने वाली जमीन और संपत्तियों की कुंडली तैयार हो रही है। इस कुंडली की मदद से रेलवे अपनी आय बढ़ाएगा। पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर और भोपाल मंडल ने इस पर काम कर रहा है। इसके लिए रेलवे स्टेशन से लेकर रेल लाइन के आसपास की जमीन और संपत्ति का ब्योरा तैयार किया गया है। रेलवे इसे लीज पर देकर अपनी आय बढ़ाएगा। दरअसल रेलवे को मुख्यतौर पर मालगाड़ी और ट्रेन के किराए से आय होती है, लेकिन कोरोना काल के दौरान इस आय का ग्राफ नीचे गिरा है। अब रेलवे नान फेयर रेवेन्यू के तहत अपनी संपत्ति को लीज पर देकर आय बढ़ा रहा है। जबलपुर और भोपाल मंडल ने लगभग 100 एकड़ से ज्यादा ऐसी जमीन भी चिंहित की है, जिसे वह किराए पर देकर अपनी आय बढ़ाएगा।
योजना पसंद आई तो लीज पर मिलेगी जमीन-संपत्ति
नान फेयर रेवेन्यू के तहत जबलपुर और भोपाल मंडल ने जमीन-संपत्ति लीज पर देने के लिए निवेशकों से सुझाव मांगे हैं। इनमें कईयों के सुझाव पसंद आने पर उन्हें किराए पर दे दिया गया है। जबलपुर, भोपाल मंडल में इन दिनों कोच रेस्टोरेंट बनाने का काम भी इसी योजना के तहत हो रहा है। निवेशक अपने सुझाव लेकर रेलवे के पास पहुंच भी रहे हैं। कई सुझाव पसंद आने के बाद पश्चिम मध्य रेलवे के दोनों मंडलों ने इस पर काम शुरू कर दिया है। इनमें कोच रेस्टोरेंट से लेकर डिजिटल क्लास रूम, वेटिंग और रिटायरिंग रूम को निजी हाथों में सौंप दिया गया है।
क्या है योजना
रेलवे ट्रेन के किराए के अलावा अन्य माध्यमों से अपनी आय बढ़ाने में लगा है। इसमें कई ऐसे काम शामिल किए गए हैं, जो रेलवे की जमीन और संपत्ति का उपयोग करने से जुड़े हैं। जो काम पहले रेलवे खुद करना था, वो अब अपनी जमीन और संपत्ति को निजी हाथों में लीज पर देकर कर रहा है। वहीं दूसरी ओर रेलवे की एजेंसी रेल लैंड डेवलपमेंट (आरएलडीए) के जरिए भी रेलवे की जमीन को निजी माल, अस्पताल, स्कृूल को देने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। जबलपुर में हाउबाग रेलवे स्टेशन की खाली जमीन पर टाटा का कैंसर अस्पताल खोलने की योजना पर भी काम चल रहा है।
इनका कहना है
एनएफआर योजना के तहत पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडल में काम चल रहा है। इस योजना की मदद से कोच रेस्टोरेंट तैयार हो रहे हैं। रेलवे अपनी आय बढ़ाने के साथ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर काम कर रहा है।
राहुल जयपुरिया, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पमरे
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