ग्वालियर। रेलवे में गार्ड की विभागीय परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई है। गार्ड परीक्षा का परिणाम तीस जुलाई को घोषित किया गया था। इस आयोजित परीक्षा के पेपर को लेकर एक ऑडियो के वायरल होने से एनसीआर मण्डल झांसी में हडक़ंप मचा हुआ है। वायरल हुए इस ऑडियो में एक वाणिज्य रेल कर्मी की परीक्षा में असफल होने वाले इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी से हुई बातचीत का रिकार्ड सामने आया है। वहीं परीक्षा का पेपर उपलब्ध कराने के लिए असफल हुए कर्मी से तीन लाख रुपये लिए जाने की बात सामने आई है। रेलवे विभागीय परीक्षा के जरिये वाणिज्य, बुकिंग, टीएनसी, प्वाइंट्समैन आदि कर्मचारियों को गार्ड बनने का मौका परीक्षा आयोजित कर देता है। मंडल प्रशासन ने 2018 में विभागीय परीक्षा से गार्डों के 84 पद भरने के लिए अधिसूचना जारी की थी। गार्ड के लिए यह परीक्षा 23 फरवरी को इसी साल आयोजित की गई थी।
30 जुलाई को घोषित हुआ परिणाम
तीस जुलाई को घोषित किए गए परिणाम में शामिल डेढ़ सौ रेल कर्मियों में से 84 कर्मचारियों को सफलता हाथ लगी थी। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद एक ऑडियो वायरल हो गया। वायरल हुए ऑडियो में इंजीनियरिंग विभाग का कर्मी (प्वाइंट्समेन) दूसरे कर्मचारी से कह रहा है कि उसने परीक्षा का पेपर पाने के लिए तीन लाख रुपये की रकम रेल विभाग के ही सक्षम अधिकारी को दी थी। पेपर मिलने के बाद भी वह फेल हो गया और अन्य चौरासी कर्मचारी पास होकर गार्ड बन गए। फेल होने के बाद कर्मचारी इस मामले को लेकर रकम ठगने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कह रहा है।
50 कर्मचारियों को बेचा गया पेपर
रुपये लेकर गार्ड परीक्षा का पेपर लीक किए जाने के मामले में ग्वालियर में पदस्थ रेल अधिकारी का भी नाम सामने आया है। बातचीत में कुछ उन कर्मियों का नाम भी लिया गया, जिन्होंने रुपये देकर पेपर प्राप्त किया था। इनमें वर्तमान में एक बबीना, एक ग्वालियर व बाकी झांसी में तैनात हैं। रेलवे में चर्चा है कि अधिकारी की सांठगांठ से 50 कर्मचारियों को पेपर बेचा गया।
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