इंदौर (Indore)। रेल मंत्रालय (ministry of railways) सांसद की मांग को तो ज्यादा तवज्जो देता नहीं है, लेकिन जो ट्रेनें रेलवे बोर्ड की उच्चस्तरीय टाइम टेबल कमेटी (high level time table committee) से मंजूर हो चुकी हैं, उन्हें भी चलाने को तैयार नहीं है। करीब डेढ़ साल पहले इंदौर से अजमेर होते हुए जयपुर के लिए त्रिसाप्ताहिक ट्रेन चलाने का फैसला टाइम टेबल कमेटी से हुआ था, लेकिन अब तक उस पर अमल के ठिकाने नहीं हैं। हालत यह है कि इंदौर से अजमेर के लिए सीधी ओवरनाइट ट्रेन उपलब्ध नहीं है।
पहले इंदौर-अजमेर-जयपुर के बीच लिंक एक्सप्रेस चलती थी, जिसके कोच उज्जैन में भोपाल-अजमेर-जयपुर ट्रेन में जुड़ते थे। छह-सात कोच की रोजाना चलने वाली इस ट्रेन से यात्रियों को काफी राहत मिल जाती थी। कोरोनाकाल के दौरान इस लिंक ट्रेन को तब यह कहते हुए बंद कर दिया गया था कि इंदौर के लिए अलग से अजमेर के लिए ट्रेन दी जाएगी। तब से अब तक शहर इंदौर-अजमेर के बीच ओवरनाइट ट्रेन के लिए तरस रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इसी टाइम टेबल कमेटी ने इंदौर-नई दिल्ली के बीच त्रिसाप्ताहिक ट्रेन चलाने का निर्णय लिया था, जिस पर पिछले साल ट्रेन चलाई जा चुकी है।
शहर के रोज बड़ी संख्या में लोग व्यापार-व्यवसाय, अजमेर शरीफ और पुष्कर तीर्थ आते-जाते हैं। इंदौर से अजमेर के लिए लोगों के लिए फिलहाल अलसुबह चलने वाली इंदौर-जोधपुर ट्रेन का ही विकल्प है। सांसद शंकर लालवानी कई बार रेल मंत्री से लेकर रेल अफसरों को इंदौर-अजमेर-जयपुर त्रिसाप्ताहिक ट्रेन चलाने का आग्रह कर चुके हैं, लेकिन उनकी मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इंदौर की तरह उज्जैन-चित्तौडग़ढ़ के बीच मेमू ट्रेन का संचालन भी अटका हुआ है। यह ट्रेन भी टाइम टेबल कमेटी से मंजूर हो चुकी है।
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