सूरत: देश में बढ़ते रेल हादसों ने सरकार के साथ ही आम नागरिकों की भी परेशानी बढ़ा दी हैं. परेशानी के साथ ही रेल यात्री डर के साए में रेल में सफर करने को मजबूर हैं. देशभर से कई वीडियो सामने आए हैं जहां शरारती तत्वों ने जानबूझकर रेलवे ट्रैक्स पर एक्सीडेंट को अंजाम देने की कोशिश की है. इस बीच गुजरात के सूरत से जो घटना सामने आई वो हैरान करने वाली है.
रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के सूरत जिले के किम के पास रेलवे कर्मचारियों ने ईनाम पाने के लिए ही रेलवे लाइन को नुकसान पहुंचने की मनगढ़ंत कहानी गढ़ी. घटना की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि तीन रेलवे कर्मचारियों ने पटरी के कुछ हिस्सों को हटा दिया था ताकि ऐसा लगे कि शरराती तत्वों ने ट्रेन एक्सीडेंट के लिए ऐसा किया है. बाद में रेलवे कर्मचारियों ने उस हिस्से की तस्वीरें ली गईं और वीडियो बनाई गई. बाद में इन तीनों ने हटाए गए हिस्सों को वापस लगा दिया.
इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सुभाष कुमार कृष्ण कुमार पोद्दार (39), मनीष कुमार सूर्यदेव मिस्त्री (28) और शुभम जयप्रकाश जायसवाल (26) के रूप में हुई है. पुलिस ने शनिवार (21 सितंबर) को तीनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 3 (5), (सामान्य इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा आपराधिक कृत्य), 61 (2) (ए) (आपराधिक साजिश), 125 (मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले लापरवाही भरे कार्य) और अन्य के तहत पटरियों को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया. इन तीन में से दो ट्रैकमैन हैं.
तीनों आरोपियों ने ट्रेन आने से पहले क्षतिग्रस्त ट्रैक की वीडियो बनाई थी. बाद में तीनों ने मरम्मत किए गए ट्रैक की वीडियो बनाई उसे अधिकारियों को दिखाया. तीनों आरोपियों ने महज 25 मिनट में मरम्मत के काम को अंजाम दिए जाने का दावा किया जिसके बाद पुलिस को शक हुआ, शक इस बात पर था कि इतने कम समय में मरम्मत कार्य को कैसे पूरा किया गया. बाद में पुलिस ने दूसरे आरोपी के फोन को तलाशा तो फोन के रिसाइकिल बिन से डिलीट फोटो दिखे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों ने अवॉर्ड पाने और नाइट ड्यूटी से निजात मिलने के लिए ये षडयंत्र रचा था.
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