जबलपुर। भिटोनी रेलवे स्टेशन के पास बीपीसीएल साइडिंग से 40 टन रेलवे की पटरियों की चोरी के मुख्य आरोपी रेल इंजीनियर जेपी मीना पर रेल प्रशासन कृपा दृष्टि बनी हुई है। बताया जा रहा है कि निलंबन की कार्यवाही के महज 15 दिनों में ही मुख्य आरोपी रेल इंजीनियर जेपी मीना को पुन: जबलपुर में ही नए पद पर नियुक्ति दी गई है। वहीं दूसरी ओर शिकायतकर्ता रेल कर्मियों को यहां-वहां स्थानांतरण की कार्यवाही गुपचुप तरीके से शुरू हो गई है, जिससे की चोरी के मामले को कमजोर किया जा सके। वहीं सूत्रों की माने तो घटना के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों में भी भय व्याप्त है, क्योंकि मुख्य आरोपी इंजीनियर जेपी मीना अपने प्रभाव के चलते उन्हें बयान बदलने के लिए कोशिश कर रहा है। वहीं बताया यह भी जा रहा है कि एक उच्च रेल अधिकारी भी चोरी मामले में मुख्य आरोपी जेपी मीना की भरपूर मदद कर रहा है। उच्च रेल अधिकारी द्वारा आरोपी को बचाने में सहयोग करने की बात सामने आने पर भी कई तहर के सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या था मामला
जानकारी हो कि भिटौनी रेलवे स्टेशन के पास पुरानी पटरियों को बदलने का काम किया गया। इंजीनियरिंग के एक बड़े ठेकेदार को यह काम मिला। लगभग 600 मीटर की पटरियां को अलग गई, दूसरी पटरियां लगाई गई। पुरानी पटरियों को ट्रैक के पास ही रख दिया गया। इसे यहां से उठाकर ले जाने के काम जिस ठेकेदार को मिला, उसने अपना वाहन यहां भेजा। वाहन के ड्राइवर ने इन पटरियों की संख्या और वजन में गोलमाल कर इन्हें कबाड़ी को बेच दिया। इधर ट्रैक से पटरी निकलने और दूसरे बिछाने का जिस ठेकेदार को काम मिला, उसने पुरानी पटरियों को तो निकाला, लेकिन उसकी जगह नई पटरियां नहीं बिछाई। बल्कि अन्य जगह की पुरानी पटरियों को चमकाकर यहां लगा दी। रेलवे ट्रैक पर बिछाई जाने वाली पटरियों की एक तय उम्र होती है। वह पूरी होने से पहले उन्हें बदल दिया जाता है। ऐसा ही भिटौनी में किया जाना था। लगभग 20 साल पुरानी पटरियों को बदलकर उनकी जगह ज्यादा मजबूत और सुरक्षित नई पटरियां लगाई जाती हैं। इस मामले में भी ऐसा ही किया जाना था, लेकिन विजलेंस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इसमें नई की जगह लगभग 8 से 10 साल पुरानी पटरियां लगाई गई, जिससे रेलवे की संरक्षा पर सवाल खड़े हो गई हैं। जानकारी हो कि पूर्व में लोहा चोरी करने वाले ठेकेदार सोमू श्रीवास्तव और चोरी का लोहा ढ़ोने वाले वाहन एवं वाहन चालक पीर मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद नए-नए खुले और अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई थी।
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