खर्च तो नेशनल हाईवे देगा, लेकिन जालियां प्राधिकरण को लगवानी हैं… उसके लिए भी दो तरह के शुल्क मांगें
आईडीए बोर्ड के निर्णय के बाद फंसा नया पेंच
इन्दौर। शहर के बायपास पर सुरक्षा जालियां लगाने का मामला एक बार फिर उलझ गया है। आईडीए (IDA) ने नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) (NHAI) से जालियां लगाने का काम करने के एवज में दो चरह के चार्ज मांगें हैं, जिन्हें देने से एनएचएआई ने इनकार कर दिया है। इस पर आईडीए ने एनएचएआई को कहा है कि यह चार्ज नहीं दे सकते, तो अथॉरिटी खुद जालियां लगा ले।
पहले तय हुआ था कि एनएचएआई बायपास पर जालियां लगाने के बदले जो भी खर्च होगा, वह राशि एनएचएआई (NHAI)आईडीए को देगी। इंदौर बायपास पर राऊ से मांगलिया जंक्शन के बीच दोनों तरफ करीब 65 किमी लंबे हिस्से में जालियां लगना हैं। ये सुरक्षा जालियां सर्विस रोड और मुख्य मार्ग के बीच दोनों तरफ लगना हैं। इसका उद्देश्य गलत ढंग से सडक़ क्रॉस करने वाले वाहन चालकों और पैदल आने-जाने वाले लोगों को रोकना है। ऐसी जालियां एमआर-10 जंक्शन के आसपास तो लगी हंै, लेकिन अब पूरे बायपास पर जालियां लगाने में लगभग 17 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। यह मामला आईडीए बोर्ड की बैठक में विचार के लिए आया, तो वहां तय किया गया कि जालियां लगाने का काम तो आईडीए कर लेगा, लेकिन इस काम के बदले नियमानुसार एनएचएआई से प्रोजेक्ट की लागत का सात प्रतिशत सुपरविजन चार्ज और पांच प्रतिशत कांटिजेंसी चार्ज वसूला जाए। हालांकि, जब आईडीए अफसरों ने इस निर्णय की जानकारी एनएचएआई अफसरों को दी, तो उन्होंने यह कहते हुए किसी तरह का चार्ज देने से इनकार कर दिया कि हमारे सिस्टम में इस तरह का चार्ज देने की व्यवस्था नहीं है। इस पर आईडीए अधिकारियों ने अथॉरिटी अफसरों को कहा है कि यदि यह चार्ज नहीं दे सकते, तो आपका विभाग खुद जालियां लगा ले। इस नए विवाद के कारण प्रोजेक्ट फिर उलझ गया है।
आईडीए ने पत्र लिखकर अथॉरिटी को दी सूचना
सूत्रों ने बताया कि आईडीए बोर्ड के निर्णय की जानकारी पत्र के माध्यम से एनएचएआई को दे दी गई है। बिना चार्ज लिए आईडीए यह काम नहीं कर सकेगा, लेकिन एनएचआई ने दोनों ही चार्ज देने से इनकार कर दिया है। संभव है कि या तो यह काम खुद एनएचआई करे। इस संबंध में अफसर भोपाल मुख्यालय से मार्गदर्शन लेकर इस मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
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