• img-fluid

    रेलयात्रियों को New AC Coach के लिए करना होगा इंतजार, ये है सबसे बड़ी वजह

  • May 29, 2021

    नई दिल्ली। रेलयात्रियों को नए एसी कोचेज (New AC Coach of Railways) के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि कोविड-19 महामारी (Covid-19 pandemic) के कारण नए एसी 3-टियर इकॉनमी कोचेज (AC 3-Tier Economy Coaches) का प्रोडक्शन (Production of Coach) प्रभावित हुआ है। फरवरी में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लक्जरी खूबियों वाले किफायती एसी 3-टियर कोच के नए प्रोटोटाइप का अनावरण किया था। इनमें 83 बर्थ होंगी जो परंपरागत कोच से 11 अधिक हैं।

    रेलवे की योजना मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में स्लीपर कोच की जगह इकॉनमी एसी 3-टियर कोच लगाने की है। नए एसी 3-टियर इकॉनमी कोच का लखनऊ स्थित रेलवे के अनुसंधान, डिजाइन एवं मानक संगठन (RDSO) ने सफल ट्रायल किया है। ट्रायल के दौरान इसे 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर चलाया गया। कपूरथला स्थित रेलवे कोच फैक्टरी (RCF) को ऐसे 250 कोचेज बनाने को कहा गया है। लेकिन महामारी के कारण इनका उत्पादन प्रभावित हुआ है।

    प्रोडक्शन में देरी
    कपूरथला स्थित रेलवे कोच फैक्टरी (RCF) के जीएम रविंदर गुप्ता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि महामारी के कारण प्रोडक्शन टारगेट प्रभावित हुआ है। लेबर की कमी है। उम्मीद है कि इस महीने 10 इकॉनमी एसी कोच बनकर तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे की वेंडर्स फैक्ट्रीज में ऑक्सिजन की कमी भी एक समस्या है। 50 इकॉनमी एसी कोचेज का ढांचा तैयार है और जैसे ही काम पूरी रफ्तार पकड़ेगा, प्रोडक्शन फिर पटरी पर आ जाएगा।

    रेलवे की योजना मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में स्लीपर कोच की जगह इकॉनमी एसी 3-टियर कोच लगाने की है। इससे यात्रा का समय बचेगा। स्लीपर क्लास के कोच में ट्रेन केवल 110 किमी की रफ्तार से चल सकती है। इकॉनमी एससी कोचेज का किराया स्लीपर क्लास से अधिक होगा लेकिन परंपरागत एसी 3-टियर से कम होगा। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि 110 किमी की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों में स्लीपर क्लास कोच बने रहेंगे।


    कई तरह की सुविधाएं
    आरसीएफ के अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर कोच में बर्थ या सीट की संख्या बढ़ाने के लिए लेग स्पेस घटा दिया जाता है या साइड बर्थ में दो के बजाय तीन बर्थ डाल दिया जाता है। लेकिन इस कोच में ऐसा नहीं किया गया है। इस कोच में लेग स्पेस में महज कुछ इंचों की कमी की गई है। असली जगह पार्टिशन में लगाए जाने वाले सामानों की मोटाई कम करके निकाली गई है।

    इंजीनियरों का कहना है कि पार्टिशन में कंपोजिट मैटेरियल लगाया गया है ताकि उसकी मोटाई भले ही कम हो, लेकिन मजबूती में कमी नहीं आए। साथ ही ट्रेन की शुरूआत में बने बेडरोल रखने के लिए बने स्टोर, खाना गर्म करने के लिए लगाया गया हॉट केस और स्विच बोर्ड केबिनेट को भी हटा दिया गया है। स्विच बोर्ड केबिनेट को अब अंडर स्लंग कर दिया गया है। मतलब अब स्विच बोर्ड डिब्बे में नहीं होकर डिब्बे की चेसी के अंदर होगा। इस कोच में ज्यादा चौड़े और एक दिव्यांग अनुकूल प्रवेश द्वारा वाला टॉयलेट दिया गया है। हर बर्थ के लिए एसी वेंट उपलब्ध कराए गए हैं।

    मोबाइल फोन तथा मैग्जीन होल्डर्स
    इसके अलावा दोनों तरफ फोल्डिंग टेबल और बॉटल होल्डर, मोबाइल फोन तथा मैग्जीन होल्डर्स भी उपलब्ध कराए गए हैं। हर बर्थ के लिए पढ़ने के रीडिंग लाइट और मोबाइल चार्जिग प्वाइंट भी लगाए गए हैं। मिडिल और अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी का डिजायन बदला गया है ताकि यह देखने में भी सुंदर लगे और यात्रियों को असुविधा भी नहीं हो।

    Share:

    कोरोना संक्रमण का खतरा : बैंक में लग रही किसानों की लंबी लाइनें

    Sat May 29 , 2021
    विदिशा। कोरोना संक्रमण (Corona infection) के बीच जहां लोग अस्‍पतालों में लाइनों में लग रहे हैं तो वहीं कई लोग अपनी जीवन चर्या के लिए भी लाइनों में लग रहे हैं। बीमारी हो या फिर अन्‍य समस्‍याए किसानों को तो इन्‍से जूझना ही है। ऐसा ही मामला मप के विदिशा जिला मुख्यालय की सहकारी बैंक […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved