रायगढ़ (Raigarh)। महाराष्ट्र के रायगढ़ में हुए भूस्खलन (Raigarh Landslide) में पूरा का पूरा गांव ही दब (whole village buried) गया था। तीन दिनों से यहां लोगों को निकालने का काम चल रहा है। मलबे से अब तक 27 शव बरामद किए (27 dead bodies recovered) जा चुके हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि अब भी 78 लोग लापता (78 people missing) है। जाहिर सी बात है कि तीन दिनों के बाद लापता लोगों में बचने की उम्मीद बहुत कम ही होगी। खराब मौसम की वजह से राहत और बचाव के कार्य में और भी दिक्कत आ रही है। बता दें कि जब लैंडस्लाइड हुआ था तब भी तेज बारिश हो रही थी। रायगढ़ में अब भी बारिश जारी है।
राहत और बचाव के काम में लगे एक अधिकारी ने कहा, शनिवार को भी 6 शव बरामद किए गए और इसके बाद मरने वालों का आंकड़ा 27 हो गया है। बस्ती के 98 लोगों को एक शिविर में रखा गया है। 16 लोग अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं वहीं 78 अब भी लापता हैं। इस बस्ती की जनसंख्या 229 थी। अब इस राहत और बचाव को लेकर अगर कोई नया फैसला होगा तो वह सोमवार को लिया जाएगा।
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट दीपक तिवारी ने कहा. दो दिनों से यहां मौसम बहुत खराब है। अभियान में हमें बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिला प्रशासन ही अभियान से संबंधित कोई फैसला लेगा। अधिकारियों का कहा हैकि 72 घंटे बाद एक बार ऑपरेशन बंद करने का फैसला किया गया था लेकिन इसे दोबारा शुरू किया गया है।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, मलबे में दबे शव अब सड़ने भी लगे हैं। अब जिंदा लोगों को निकालने की कोई उम्मीद नहीं है। फिर भी लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर फैसला किया जाएगा। जिला प्रशासन एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भेजेगा। हो सकता है कि सोमवार तक कोई फैसला हो। अधिकारियों ने कहा कि जिनके रिश्तेदार लापता हैं वे अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं। इस बीच प्रशासन ने भूस्खलन संभावित 6 गांवों के 147 परिवारों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया है।
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