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    26 स्थानों तक पहुंची छापे की कार्रवाई…90 फीसदी कारोबार कच्चे बिल में मिला

  • February 10, 2024

    • कोलकाता के साथ लुधियाना और उल्लास नगर से मंगवाते हैं माल, 2 करोड़ से ज्यादा की कर चोरी अभी तक पकड़ाई

    इंदौर। रेडिमेड गारमेंट्स व्यापारियों के ठिकानों पर सेंट्रल जीएसटी टीम ने छापामार कार्रवाई की, जो बढक़र 26 ठिकानों तक पहुंच गई। रीवर साइड रोड से लेकर राजवाड़ा, रेडिमेड गारमेंट्स कॉम्प्लेक्स पर ये कार्रवाई की गई। अभी तक 2 करोड़ रुपए तक की कर चोरी उजागर हुई है। वहीं 90 फीसदी कारोबार कच्चे बिल में पाया गया। जो डायरियां मिली उनमें भी 00 लिखा ता और कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया। रेडिमेड कारोबारी इंदौर में तो माल तैयार करते ही हैं, वहीं कलकत्ता, लुधियाना और उल्लास नगर से भी तैयार माल बुलवाते हैं और कपड़ा देकर बनवाते भी हैं, क्योंकि वहां पर मजदूरी सस्ती पड़ती है। अशोका ड्रेसेस पर अधिक गड़बड़ी मिली, जहां पर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का रोजाना का ही कारोबार होता है और अधिकांश कच्चे बिल पर ही इस फर्म के वेयर हाउस भी मिले हैं और इससे जुड़े मैरिज गार्डन पर भी टीम पहुंची।

    दरअसल इंदौर में बड़े पैमाने पर जीएसटी की चोरी भी हो रही है। कुछ समय पूर्व बोगस फर्मों का भी मामला उजागर हुआ, जिसके जरिए करोड़ों रुपए की कर चोरी की गई। वहीं सेंट्रल जीएसटी की प्रिवेंटिव टीम ने बीते दो दिनों से गारमेंट कारोबारियों पर शिकंजा कस रखा है, जिसके चलते कई फर्मों ने तो अपने दुकान-गोदाम पर ताले लगा दिए और गायब हो गए। शुरुआत में टीम ने कुछ स्थानों पर कार्रवाई की, उसके बाद जांच का दायरा बढ़ते हुए 26 स्थानों तक जा पहुंचा। प्रकाश प्लाजा स्थित अशोका रेडिमेड के अलावा हीरा टेक्सटाइल, फ्यूचर गारमेंट्स, पीयूष, पूजा, चीकू, आरबी सहित अन्य फर्मों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। कई स्थानों पर तो कल दोपहर को छापे की कार्रवाई समाप्त हो गई थी और लगभग 2 करोड़ रुपए का कर अपवंचन सामने आया, जिसमें से डेढ़ करोड़ रुपए की राशि तुरंत जमा भी करवा ली। सबसे अधिक गड़बड़ी अशोका ड्रेसेस पर ही मिली, जिसका खंडवा रोड पर मैरिज गार्डन भी है। विभाग ने अपने पांच दर्जन से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को इस कार्रवाई में लगाया और लगभग एक दर्जन फर्में इस कार्रवाई की जद में आई है।


    दरअसल कई फर्मों ने कई अन्य मिलते-जुलते नाम वाली फर्में भी अपने परिजनों के नाम पर खोल रखी है। वहीं कुछ डायरियां और अन्य दस्तावेज भी जब्त हुए, जिससे पता चला कि ये कारोबारी लगभग 90 फीसदी कामकाज कच्चे बिल में यानी ऊपर ही ऊपर करते हैं, जिससे आयकर के साथ-साथ जीएसटी, जो कि 5 फीसदी रेडिमेड गारमेंट पर लगता है, उसे बचाया जा सके। कलकत्ता, लुधियाना, उल्लास नगर से बिना बिल का ही माल मंगवाते हैं और उसे कच्चे बिल के साथ ही बेच देते हैं और तुरंत ही ये कच्चे बिल और कागज फाडक़र फेंक देते हैं, जिससे कोई सबूत भी नहीं मिलता और यह पूरा कारोबार नकद यानी केश में ही होता है। इससे कोई हिसाब-किताब भी नहीं मिलता और आयकर रिटर्न में भी बहुत कम कारोबार की राशि दर्शाई जाती है, ताकि कम से कम टैक्स का भुगतान करना पड़े। इंदौर में सिर्फ रेडिमेड गारमेंट ही नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में इसी तरह दो नम्बर में काम किया जाता है, ताकि एक नम्बर में कम से कम कारोबार को शो किया जा सके, जिससे आयकर, जीएसटी भी कम चुकाना पड़ता है। सियागंज, जेल रोड, महारानी रोड, कपड़ा मार्केट से लेकर अन्य व्यवसायिक क्षेत्रों में इसी पेटर्न पर कारोबार किया जाता है।

    तहसीलदार को संभागायुक्त ने किया निलंबित
    इंदौर। संभागायुक्त मालसिंह ने वाद-विवाद संबंधी वीडियो वायरल होने को गंभीर स्वरूप मानते हुए इंदौर संभाग के बड़वानी जिले के पानसेमल के तहसीलदार श्री हितेन्द्र कुमार भावसार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय जिला बड़वानी में रहेगा। यह कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत होने से मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम के तहत की
    गई है।

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