लखनऊ । कुछ दिनों पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जिस ‘समाजवादी इत्र’ (samaajavaadee itr) को लॉन्च किया था, वह अब सुर्खियों में है। अखिलेश यादव के लिए यह इत्र (Perfume) और इसे बनाने वाले कारोबारी से नजदीकी अब मुसीबत बन गई है। इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Businessman Piyush Jain) के ठिकानों पर जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की छापेमारी में करोड़ों रुपये नकद मिले हैं। यह रकम गिनने के लिए कई मशीनें लगाई गईं हैं। इसके अलावा 150 करोड़ रुपये की कर चोरी के सबूत हाथ लगे हैं। मुखौटा कंपनियों के जरिये 100 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेने की बात भी सामने आई है।
पीयूष जैन का कन्नौज में इत्र और पान मसाले का बड़ा कारोबार है। वह कन्नौज की उस इत्र लॉबी के सदस्य हैं जो अखिलेश यादव की काफी करीबी है। पीयूष जैन से नजदीकी रिश्तों को लेकर अखिलेश विभिन्न राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए हैं। गुरुवार को जब समाजवादी इत्र बनाने वाले कारोबारी पीयूष जैन के घर, फैक्ट्री, ऑफिस, कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप पर छापा मारा गया तो जीएसटी अफसरों को करोड़ों रुपये नकद मिले। पीयूष जैन के कानपुर, कन्नौज, गुजरात, मुंबई स्थित प्रतिष्ठानों पर एक साथ की गई इस कार्रवाई में अभी तक 150 करोड़ रुपये की कर चोरी के सबूत जीएसटी अफसरों के हाथ लगे हैं। मुखौटा कंपनियों के जरिये 100 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेने की भी बात सामने आई है। इस नकदी को आयकर विभाग कर चोरी का सबूत मान रहा है।
अखिलेश यादव ने क्या कहा
दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने अपने एक समर्थक के ट्वीट को रीट्वीट करके सफाई दी है। मनीष जगन अग्रवाल ने ट्वीट कर लिखा कि कानपुर में शिखर पान पसाला ग्रुप और इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पड़े छापों में बरामद नकदी नोटबन्दी की विफलता की कहानी बयां कर रही है। अग्रवाल ने भाजपा और मीडिया पर भी सवाल खड़े किये हैं। जगन ने आगे लिखा कि भाजपा व मीडिया पीयूष जैन और शिखर पान मसाले को सपा से जबरन जोड़कर सपा को बदनाम कर रही है। सपा एमएलसी पप्पी जैन से पीयूष जैन का कोई मतलब नहीं है।
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