कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति में एक बार फिर नोटों के पहाड़ ने दस्तक दे दी है. पार्थ चटर्जी और उनसे जुड़े शिक्षा घोटाले (education scam) के बाद एक बार फिर टीएमसी विवादों में है. मुर्शिदाबाद से टीएमसी विधायक जाकिर हुसैन (Zakir Hussain, TMC MLA from Murshidabad) के घर से 10.90 करोड़ रुपये बरामद हो गए हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बुधवार को देर रात जाकिर हुसैन के घर, उनकी कई फैक्ट्रियों पर रेड (Raid on many factories) डाली थी. उस रेड के दौरान ही इतना कैश बरामद हुआ है. विधायक जरूर दावा कर रहे हैं कि उनके पास इस कैश से जुड़े सारे डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, लेकिन एजेंसियों ने अपनी जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के लिए बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कुल 28 जगहों पर रेड मारी थी. उस रेड के दौरान 15 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं. वहां भी 11 करोड़ रुपये तो अकेले मुर्शिदाबाद से मिल गए हैं, जहां से जाकिर विधायक हैं. बताया जा रहा है कि टीएमसी विधायक का बीड़ी का बड़ा कारोबार है, कई फैक्ट्रियां हैं, उन फैक्ट्रियों पर भी आयकर की नजर थी, ऐसे में जांच के दौरान वहां भी रेड डाली गई है. इसके अलावा हुसैन के पास चावलों की एक मिल भी है जो Raghunathganj में स्थित है, वहां भी आयकर का छापा पड़ा है. टीएमसी विधायक के एक करीबी दोस्त के घर पर भी छापेमारी की गई है.
अब इस जांच की एक तस्वीर भी सामने आ गई है. उस तस्वीर में नोटों का पहाड़ दिख रहा है. टेबल पर ही नोटों की पांच मंजिल खड़ी कर दी गई हैं. अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस जांच पर टीएमसी विधायक जाकिर हुसैन ने कहा है कि उन्होंने जांच एजेंसी का पूरा सहयोग किया है. उनकी तरफ से भी पूरा सपोर्ट मिला है. यहां तक दावा हुआ है कि उनके पास जो भी कैश मिला है, उसके सारे डॉक्यूमेंट उनके पास मौजूद हैं. वे समय-समय पर टैक्स जमा करते हैं, ऐसे में उन्हें किसी बात का डर नहीं है. वहीं इस कार्रवाई पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि टीएमसी में शामिल होने से पहले भी जाकिर हुसैन का बीड़ी का बड़ा बिजनेस था. ये जिस प्रकार का व्यापार है, यहां पर कैश की ज्यादा जरूरत पड़ती है क्योंकि मजदूरों को पेयमेंट देनी होती है. अगर कोई गड़बड़ है तो जांच एजेंसी एक्शन लेगी. लेकिन अभी से ही किसी के पैसे को काला धन बता देना गलत है.
अब टीएमसी के लिए ये जांच ज्यादा मुश्किल इसलिए खड़ी करती है क्योंकि इससे पहले पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से भी नोटों के पहाड़ पकड़े गए थे. अकेले अर्पिता के घर से 50 करोड़ के करीब जब्त किए गए थे. करोड़ों का सोना भी जांच एजेंसियों के हाथ लगा था. उस जांच की वजह से पार्थ चटर्जी ने अपना मंत्री पद तक गंवा दिया था.
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