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99 सीटें जीतने के बाद राहुल गांधी के हौसले बुलंद, हाथरस हादसे के पीड़ितों से की मुलाकात, दिया सियासी संदेश

नई दिल्ली: कांग्रेस भले ही देश की सत्ता में वापसी करने में कामयाब न रही हो, लेकिन लोकसभा की 99 सीटें जीतने के बाद से हौसले बुलंद हैं. पहली बार नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी Responsibilities of the Leader of the Opposition() संभाल रहे राहुल गांधी संसद से सड़क तक सक्रिय (Rahul Gandhi is active from Parliament to the streets) नजर आ रहे हैं. लोकसभा में राहुल ने मोदी सरकार (modi government) के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाते हुए नफरत के मुद्दे से लेकर अग्निवीर तक घेरते नजर आए तो संसद का विशेष सत्र समाप्त होने के साथ ही सड़क पर उतर गए. गुरुवार को राहुल दिल्ली के जीटीबी नगर में दिहाड़ी मजदूरों-श्रमिकों से मुलाकात किया तो शुक्रवार को हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंच गए. इस तरह राहुल गांधी अब तेवर में नजर आ रहे हैं और संसद से सड़क तक सियासी संदेश देने की कवायद कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव में मिली जीत ने कांग्रेस को सियासी संजीवनी दे दी है. 2024 के चुनाव से बने माहौल को बनाए रखने के लिए राहुल गांधी अब कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं. संसद से सड़क तक सक्रिय रहकर राहुल बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रखना चाहते हैं. संसद में जिस तरह से मोदी सरकार को आक्रमक तरीके से घेरा और उसके बाद सड़क पर उतरकर फिर से लोगों के साथ मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू कर दिया है. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से राहुल गांधी के बदले हुए अंदाज की बात हो रही है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे. सबसे पहले अलीगढ़ में पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात कर उनका दुख जाना और उसके बाद हाथरस में एक पीड़ित परिवार से मिले. राहुल गांधी ने कहा कि दुख की बात है, बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है. मैं इसको सियासी चश्मे से नहीं देखना चाहता हूं, लेकिन प्रशासन की कमी तो है और गलतियां तो हुई ही हैं. राहुल ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की है. राहुल ने कहा कि मुआवजा सही मिलना चाहिए. राहुल ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से विनती करता हूं कि दिल खोलकर मुआवजा दें और जल्दी से जल्दी देना चाहिए, क्योंकि ये गरीब परिवार हैं और इनके लिए मुश्किल का समय है.


यूपी के हाथरस के फुलरई गांव में ही सत्संग हुआ था, जिसमें मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे में राहुल गांधी शुक्रवार को हाथरस हादसे के पीड़ित परिजनों से मिलकर उनके दुख-दर्द में शामिल हुए. इस तरह राहुल गांधी पीड़ित परिजनों को गले लगाकर उनके दुख को बांटने के साथ-साथ ही सियासी संदेश भी देते नजर आए. अलीगगढ़ में जिस छोटे लाल के परिवार से राहुल गांधी ने मुलाकात की है, वो दलित समुदाय से आते हैं. हाथरस हादसे में ज्यादातर मरने वाले लोग दलित समाज से थे. ऐसे में राहुल गांधी भले ही पीड़ितों के बीच पहुंचे हों, लेकिन लोकसभा चुनाव में मिले दलित वोटों को साधकर रखने की रणनीति मानी जा रही है.

संसद का सत्र समाप्त होते ही राहुल गांधी सड़क पर उतर गए और गुरुवार को दिल्ली के जीटीबी नगर पहुंचे, जहां उन्होंने दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों से मुलाकात कर उनकी दिक्कतों को जाना और समझा. राहुल गांधी ने श्रमिकों के साथ बातचीत किया और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया. किंग्सवे कैंप के लेबर चौक पर राहुल काफी देर तक मजदूरों से चर्चा करते रहे. इस दौरान कांग्रेस ने कहा कि मेहनती मजदूर हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. इनके जीवन को सरल और भविष्य को सुरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है. राहुल गांधी कई बार मजदूरों, कामगारों, किसानों के बीच जा चुके हैं. सालभर पहले भी राहुल दिल्ली के एक गैरेज में पहुंच गए थे. वहां मैकेनिक्स के साथ काम किया. इस तरह राहुल गांधी लोगों के बीच अपनी सक्रियता को बनाए रखना चाहते हैं और सियासी गरीब और मजदूरों की लड़ाई लड़ने का सियासी संदेश देने की कवायद करते नजर आ रहे हैं.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभालने के बाद से राहुल गांधी आक्रमक हैं. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमले किए. राहुल गांधी अपनी पहली स्पीच में भगवान शिव और अभय मुद्रा को आधार बनाकर हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरते नजर आए. उन्होंने अग्निवीर, किसान, मणिपुर, नीट, बेरोजगारी, नोटबंदी, जीएसटी, एमएसपी, हिंसा-नफरत को लेकर जमकर हमले किए. उन्होंने 90 मिनट के भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी दिखाकर की और बीजेपी पर डर दिखाने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया.

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू डर नहीं फैला सकता, लेकिन बीजेपी डर फैला रही है. राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ का कर्जा माफ कर दिया लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया. इसके बाद अग्निवीर का मुद्दा उठाया और कहा कि पूरा देश जानता है कि ये सेना की स्कीम है. सेना जानती है कि ये स्कीम सेना की नहीं, पीएम का ब्रेन चाइल्ड है. राहुल ने कहा कि हमारी सरकार आई तो अग्निवीर को खत्म कर देंगे. राहुल के स्पीच के दौरान मोदी सरकार के कई अहम मंत्रियों ने बीच में खड़े होकर टोका. इस तरह राहुल गांधी ने आक्रमक तेवर दिखाकर अपने अंदाज से वाकिफ करा दिया है कि मोदी सरकार को सदन में घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ेंगे.

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