लंदन (London)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने सोमवार को लंदन (London) में हाउस ऑफ पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स (House of Parliament Complex) में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ब्रिटिश सांसदों से कहा कि हमारे यहां लोकसभा (Lok Sabha) में अक्सर विपक्षी सदस्यों (opposition members) के माइक को बंद कर (mike switched off) दिया जाता है।
भारतीय मूल के विपक्षी लेबर पार्टी के वरिष्ठ सांसद विरेंद्र शर्मा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के अनुभवों को भी साझा किया और इसे भारी भीड़ के बीच गहन राजनीतिक अभ्यास बताया। यह कार्यक्रम हाउस ऑफ कॉमंस परिसर के भीतर ग्रैंड कमेटी कक्ष में आयोजित किया गया था। राहुल ने एक खराब माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर यह बताने की कोशिश की कि किस तरह से लोकसभा में बहस के दौरान विपक्ष की आवाज को बंद कर दिया जाता है।
राहुल ने कहा, हमारे माइक खराब नहीं होते, वे काम करते हैं, लेकिन आप उन्हें ऑन नहीं कर सकते हैं। मैं जब बोलता हूं तो मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है। उन्होंने कहा, नोटबंदी जो एक विनाशकारी वित्तीय निर्णय था, उस पर हमें चर्चा करने की अनुमति नहीं दी गई। जीएसटी पर हमें चर्चा नहीं करने दिया गया। चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में घुस आए, लेकिन इस पर हमें चर्चा करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा, मुझे एक ऐसी संसद याद है जहां जीवंत चर्चाएं, गरमागरम बहसें, तर्क-वितर्क और असहमतियां थीं, लेकिन हमने बहस की। अब हम संसद में ऐसा नहीं देखते।
राहुल ने आरएसएस पर भी साधा निशाना
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की प्रकृति पूरी तरह से बदल गई है और इसका कारण यह है कि आरएसएस नामक एक संगठन, जो कि एक कट्टरपंथी, फासीवादी संगठन है, ने मूल रूप से भारत के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस बात ने मुझे चौंका दिया कि वे हमारे देश के विभिन्न संस्थानों पर पकड़ बनाने में कितने सफल रहे हैं। प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग सभी खतरे में हैं और किसी न किसी तरह से नियंत्रित हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में, आप देख सकते हैं कि दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह कांग्रेस यह कह रही है। विदेशी मीडिया में हर समय ऐसे लेख आते रहते हैं कि भारतीय लोकतंत्र में गंभीर समस्या है। आप किसी भी विपक्षी नेता से पूछ सकते हैं कि एजेंसियों का उपयोग कैसे किया जाता है। मेरे फोन पर पेगासस लगा हुआ था, जो तब नहीं हो रहा था जब हम सत्ता में थे।
राहुल ने कहा कि वे (चीन) हमारे क्षेत्र के 2,000 वर्ग किमी पर कब्जा करके बैठे हैं। हमारे प्रधानमंत्री ने विपक्षी नेताओं के साथ एक बैठक में कहा कि भारत की जमीन का एक इंच भी नहीं लिया गया है। सेना इसे जानती है लेकिन हमारे पीएम कहते हैं कि वे वहां नहीं हैं। यह उन्हें प्रोत्साहित करता है।
लद्दाख-अरुणाचल सीमा में चीनी सैनिकों का घुसना, यूक्रेन में हो रहा जैसा
राहुल गांधी ने कहा कि यूक्रेन में जो मूल सिद्धांत लागू किया गया है, वह यह है कि रूस ने यूक्रेन को बताया है कि हम यूरोप और अमेरिका के साथ आपके संबंधों को स्वीकार नहीं करते हैं और यदि आप इस रिश्ते को नहीं बदलते हैं, तो हम आपकी क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देंगे। मुझे लगता है कि मेरे देश की सीमाओं पर भी यही हो रहा है। चीन नहीं चाहता कि हम अमेरिका के साथ संबंध रखे। वह हमें यह कहकर धमका रहा है कि यदि तुमने अमेरिका के साथ संबंध जारी रखा तो हम कार्रवाई करेंगे। इसलिए चीन ने अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में सैन्य दलों को भेजा है।
मेरे विचार में, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में सैनिकों के भेजने के पीछे चीन का मूल विचार वही है जो यूक्रेन में हो रहा है। मैंने इस बात का उल्लेख विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से किया था, लेकिन वह मुझसे पूरी तरह से असहमत हैं और वह सोचते हैं कि मेरा विचार निरर्थक है।
भाजपा ने किया पलटवार
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के भारत में ‘गायब’ लोकतंत्र को लेकर अमेरिका और यूरोपीय देशों से हस्तक्षेप की मांग वाले बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश के साथ विश्वासघात न करें, राहुल गांधी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पहले भी ऐसा किया था जब वह स्थानीय मुद्दों को संयुक्त राष्ट्र में ले गई थी, और अब वह अन्य देशों से भारत में हस्तक्षेप करने के लिए कह रहे हैं।
कांग्रेस नेता अभी तक गुलामी की सोच से बाहर नहीं निकल पाए हैं। देश की विदेश नीति पर आपत्तियां इस मुद्दे पर उनकी अल्पसमझ का प्रमाण हैं। आपने विदेशी सरजमीं से भारत के बारे में जो झूठ फैलाया है, उस पर कोई विश्वास नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी विफलताओं को छिपाने की साजिश के तहत विदेशी धरती से ‘भारत को बदनाम’ करने का सहारा लिया है। राहुल गांधी विवादों की आंधी बन गए हैं।
विदेशी एजेंसियां हों, विदेशी चैनल हों या फिर विदेशी धरती हो, वह भारत को बदनाम करने का एक भी मौका छोड़ते नहीं हैं। उनकी भाषा, उनके विचार, उनका काम करने का तरीका, सबकुछ संदिग्ध है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, यह वह कई बार और बार-बार कर चुके हैं। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने भारत की वैक्सीन पर सवाल उठाए।
भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ भ्रम में नहीं हैं बल्कि विकृत तरीके से कुटिल हैं। उनके विचार भारत की संप्रभुता के लिए खतरनाक हैं।
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