हनुमानगढ़। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 78 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को दो दिन के राजस्थान के दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने आज हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में किसान महापंचायत को संबोधित किया। पीलीबंगा में उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यही कोशिश रही है कि खेती किसी एक हाथ में न जाए, लेकिन नए कानून में इसका उलट किया जा रहा है। शाम को श्रीगंगानगर के पदमपुर में प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश के किसानों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए तो नरेंद्र मोदी कौन हैं।
पीलीबंगा रैली में राहुल ने कहा, ‘मोदी जी कहते हैं कि हम किसानों के साथ बात करना चाहते हैं, आप क्या बात करना चाहते हैं? (कृषि) कानूनों को निरस्त करें, किसान आपके साथ बात करेंगे। आप (पीएम) उनकी जमीन, भविष्य को छीन रहे हैं और ऐसे में आप उनसे बात करना चाहते हैं। पहले कानून वापस लें, फिर बात करें।’
महापंचायत को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, ‘आपके लिए जो ये तीन कानून आए हैं, इनका लक्ष्य क्या है। मोदीजी इन्हें क्यों ला रहे हैं, इसे मैं आपको समझाऊंगा। कृषि दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार है, क्योंकि इससे करोड़ों लोगों को भोजन मिलता है। भारत की 40 प्रतिशत जनता इस व्यापार को चलाती है। कांग्रेस की कोशिश रही है कि कृषि किसी एक के हाथ में न जाए। आजादी के बाद यही हमारा लक्ष्य रहा है कि इसमें 40 प्रतिशत लोगों की भागीदारी रहे।’
वायनाड सांसद ने कहा, ‘मैं यहां आपको आश्वासन देने आया हूं कि इन कानूनों को बढ़ने नहीं देंगे। हम इन्हें रद्द करवाकर ही मानेंगे। तीन कानून क्या हैं? ये लोग कृषि के बिजनेस को किसान, खेतिहर से छीनना चाहते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 40 प्रतिशत लोगों का व्यापार 2-3 लोगों के हाथ में चला जाए। वे अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए रास्ता बना रहे हैं।’
40 लाख करोड़ का करोड़ का कारोबार दो हाथों में चला जाएगा
श्रीगंगानगर के पदमपुर में किसान रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन नए कृषि कानून लागू होंगे, उस दिन से देश के 40 फीसदी लोगों का 40 लाख करोड़ रुपये का कारोबार सिर्फ दो लोगों के हाथों में चला जाएगा। इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन सिर्फ किसानों का नहीं है। किसानों ने अंधकार में रोशनी दिखाई है। उन्होंने किसान आंदोलन को पूरे देश का आंदोलन बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका दायरा अभी और बढ़ेगा। केंद्र सरकार द्वारा किसानों की कानून वापस लेने की मांग नहीं मानने की ओर इशारा करते हुए गांधी ने कहा कि यह शर्म की बात है। यह आंदोलन फैलेगा। यह आंदोलन किसानों से शहरों में फैलेगा। इसलिए मैं नरेंद्र मोदी से कह रहा हूं कि उन्हें किसानों की बात सुन लेनी चाहिए। अंत में करना ही पड़ेगा। हिंदुस्तान के किसान, मजदूरों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए तो नरेंद्र मोदी कौन हैं। कानून तो वापस लेने ही पड़ेंगे। इसलिए कह रहा हूं कि आज ले लो ताकि देश आगे बढ़े … लेकिन जिद कर रहे हैं।
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