नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) मंगलवार को संक्षिप्त निजी विदेश यात्रा पर रवाना हो गये. उनका यह विदेश दौरा (foreign tour) ऐसे समय में हो रहा है, जबकि कुछ ही दिनों में राष्ट्रपति चुनाव और संसद का मानसून सत्र (Presidential Election and Monsoon Session of Parliament) शुरू होने जा रहा है. हालांकि यह माना जा रहा है कि कांग्रेस सांसद 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव तथा संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले देश लौट सकते हैं. पार्टी ने राहुल गांधी की यात्रा के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी और इसे व्यक्तिगत बताया.
राहुल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तैयारियों और कांग्रेस के आंतरिक चुनावों पर बृहस्पतिवार को होने वाली पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे. इस बैठक में सभी महासचिवों, प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों को बुलाया गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अक्सर राहुल गांधी के विदेश दौरों को लेकर उनकी आलोचना करती रही है.
राहुल गांधी की लगातार विदेश यात्राओं – कभी-कभी महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षणों में – ने यह सवाल उठाया है कि वे नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं, खासकर जब कांग्रेस पिछले कुछ वर्षों में चुनावी हार की वजह से लड़खड़ा गई है. यह दौरा इसलिए भी सवालों में है क्योंकि अभी-अभी पार्टी गोवा में दलबदल को मुश्किल से रोक पाई है.
उनकी हालिया यात्राओं में मई की शुरुआत में एक विवाद भी शामिल है, जब उन्हें नेपाल के काठमांडू के एक नाइट क्लब में देखा गया था. भाजपा समर्थकों द्वारा उनकी तस्वीरें जारी की गईं, लेकिन कांग्रेस ने जवाब में कहा कि एक पत्रकार की शादी के लिए व्यक्तिगत यात्रा में कुछ भी गलत नहीं. यह विवाद पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद आया था. राहुल गांधी ने उस समय यूरोप का भी दौरा किया था. इन विधानसभा चुनावों से ठीक पहले, वह पिछले साल दिसंबर में इटली के लिए रवाना हुए थे और जनवरी के मध्य में भारत लौटे थे.
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