नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में हुई हिंसा को लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा। पार्टी के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल तीन अक्तूबर को हुई हिंसा के तथ्यों पर राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपेगा।
कांग्रेस ने 10 अक्तूबर को पार्टी के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के लिए राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था। इसके बाद मंगलवार को राष्ट्रपति की तरफ से इसकी मंजूरी दे दी गई। प्रतिनिधिमंडल के सात सदस्यों में राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं।
कांग्रेस हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला करती रही है और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठा रही है। प्रियंका और राहुल ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि दूसरे काम के लिए प्रधानमंत्री के पास समय है लेकिन है किसानों के परिवार से मिलने का वक्त नहीं है।
भाजपा का कांग्रेस पर हमला
इस बीच भाजपा ने कहा कि लखीमपुर खीरी कांड को लेकर खूब राजनीति हो रही है। राहुल और प्रियंका गांधी का नाम लेते हुए, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि वे खुद को दलितों के चैंपियन के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे थे। पात्रा ने कहा फिर भी राजस्थान में (कांग्रेस द्वारा शासित) एक युवा दलित व्यक्ति की कुछ दिनों पहले पीट-पीटकर हत्या करने की घटना की जांच नहीं की गई और किसी का ध्यान नहीं गया।
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