आगर मालवा: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश से राजस्थान पहुंच चुकी है. यहां से विदा होते होते वो मध्य प्रदेश के लोगों को धन्यवाद कह कर गए. यात्रा 12 दिन मध्य प्रदेश में रही. मध्य प्रदेश से विदा होते वक्त वो 3600 किमी का सफर तय कर चुके थे और 88 दिन पूरे हो चुके थे. एमपी में 12 दिन चली यात्रा में उन्होंने प्रदेश के 6 जिलों में 370 किमी की पदयात्रा पूरी की. जाते जाते उन्होंने मध्य प्रदेश की जनता के नाम संदेश जारी किया. उन्होंने जनता को धन्यवाद दिया.
लिखा यात्रा के हर कदम पर हमें मध्य प्रदेश के लोगों का समर्थन मिला. मध्य प्रदेश के लोगों के सामने कई गंभीर चुनौतियां हैं. यहां के किसान को भी बढ़ती लागत घटती आमद, अनिश्चित कीमत, बिजली की समस्या और सरकार की असंवेदनशील नीतियों के कारण अपना गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. शिक्षित बेरोजगार मध्यप्रदेश में प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकारी भर्तियां रुकी हुई हैं. भ्रष्टाचार चरम पर है. आदिवासी जो देश के मूल निवासी हैं उनके कानूनों को लगातार कमजोर करने के कारण वह संघर्ष कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने अपने संदेश में लिखा कि मध्य प्रदेश की जनता ने इन्हीं चुनौतियों को सुलझाने के लिए हम पर विश्वास किया था लेकिन कांग्रेस के कुछ साथियों ने विश्वासघात किया. ठीक वैसे ही जैसे अभी देशभर में संवैधानिक मूल्यों पर हमला किया जा रहा है. संदेश में राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश की जनता के सामने संविधान की रक्षा करने के संकल्प की प्रतिज्ञा को दोहराया और वादा किया कि जल्दी वह दिन आएगा जब हम आपके हर भरोसे पर खरा उतरेंगे.
राहुल गांधी ने अपने संदेश में लिखा – जल्द ही वो दिन आएगा जब हम आपके भरोसे पर खरा उतरेंगे. राहुल गांधी ने दिग्विजय से कहा था “अगर आप चाहते हैं कि मैं गाड़ी से यात्रा करूँ, तो मैं आपका आदमी नहीं हूं. फिर आपको यात्रा किसी और से करवानी पड़ेगी” राजनेता हवाई जहाज में उड़ते हैं. उड़ान खटोला में आते हैं गाड़ी में आते है, हिंदुस्तान को समझने के लिए पैदल चलने की जरूरत .
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 12 दिन चलने के बाद मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले से गुजरती हुई रविवार देर शाम राजस्थान में प्रवेश कर चुकी है. मध्यप्रदेश में यात्रा के अंतिम पड़ाव पर राहुल गांधी ने सभा को सम्बोधित करते हुए मध्यप्रदेश की जनता को और खास कर उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा जब हमने रैली शुरू की तो बातचीत हो रही थी तो काफी लोगों ने कहा इस यात्रा को गाड़ी में करना चाहिए. दिग्विजय जी हैं यहां पर उनको याद होगा. दिग्विजय और बाकी लोगों ने कहा कि इस यात्रा को गाड़ी में करना चाहिए तो मैंने कहा कि अगर आप यात्रा को गाड़ी में करवाना चाहते हैं तो मैं आपका आदमी नहीं हूं. फिर आपको यह यात्रा किसी और से करवानी पड़ेगी. अगर यात्रा पैदल करनी है तो फिर मैं यात्रा करने पैदल करने के लिए तैयार हूं.
ग्राम डोंगरगांव में एक स्कूल की छत से दिए भाषण के दौरान राहुल गांधी के साथ मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, गोविंद सिंह सहित मध्यप्रदेश के कई बड़े नेता शामिल हुए. यहां राहुल ने कहा हिंदुस्तान की जनता पैदल चलती है. उसे समझने के लिए पैदल चलना चाहिए. बहुत सारे लोगों ने कहा 3600 किलोमीटर है. बहुत पैदल चलना पड़ेगा. हमने कहा कर लेंगे. चला जाएगा तो चला जाएगा. हम कन्याकुमारी से निकले शुरुवात में थकान नहीं होती धीरे धीरे थकान होती है. थकान कम होती गई. मैं दीवाली के लिये घर गया. मैंने सोचा मैं वापस अपने यात्रा पर जाना चाहता हूं लौटना मुझे ठीक नहीं लग रहा. आज कमलनाथजी को बुखार है. यह दवाई खाकर आए हैं. आज सुबह उन्होंने मुझे बोला 101 बुखार है लेकिन मैं रेस्ट नहीं लूंगा. यात्रा का आज आखिरी दिन है. मैंने दवाई खा ली है.
राहुल गांधी ने कहा – मुझे किसानों से सीखने को मिला. उन्होंने हमें पूरा समझाया. उनकी मुश्किलें हैं. बीमा का पैसा डालते हैं. लेकिन बीमा नहीं मिलता. हजारों किसान सड़क पर मिले. सोयाबीन के लिए सही दाम नही मिलता, खाद के दाम यूरिया आसानी से मिलता नहीं दाम बढ़ गए. युवा कहते है हमने इंजीनियरिंग सीखी लेकिन अब मजदूरी करते हैं. ये सब आज के हिंदुस्तान में मजदूरी कर रहे हैं. भाजपा की पॉलिसी समाज में डर पैदा करती है.
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