नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा (Lok Sabha) के पहले संसद सत्र में ही तकरार दिखने लगी है. स्पीकर (Speaker) पद के लिए इंडिया अलांयस (India Alliance) ने के. सुरेश (K. Suresh) को मैदान में उतारकर मोदी सरकार (modi government) को चुनौती दे दी है. अब लोकसभा स्पीकर चुनाव मोदी सरकार की पहली अग्निपरीक्षा है. कांग्रेस की अगुवाई वाला इंडिया अलायंस एनडीए को मात देने की पूरी कोशिश में लगा है. इंडिया अलायंस के कैंडिडेट के. सुरेश को विपक्षी सांसदों का साथ मिले, इसके लिए कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रही है. यही वजह है कि जैसे ही कांग्रेस को ममता ( Mamta Banerjee) की नाराजगी की खबर लगी, तुरंत राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोर्चा संभाल लिया. राहुल गांधी ने आनन-फानन में ममता बनर्जी को फोन घुमाया और करीब 30 मिनट तक बातचीत करके उन्हें मनाया.
दरअसल, मंगलवार को कांग्रेस ने के. सुरेश को स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया. आनन-फानन में इंडिया अलायंस का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद ममता बनर्जी की टीएमसी कांग्रेस से खफा हो गई. टीएमसी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के स्पीकर कैंडिडेट को लेकर उससे राय नहीं ली गई. यही वजह है कि टीएमसी ने समर्थन पत्र पर साइन नहीं किया था. टीएमसी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपनी मर्जी से के. सुरेश को मैदान में उतारने का फैसला कर लिया. संख्या बल के लिहाज से इंडिया अलायंस को सदन में ममता का साथ हर हाल में चाहिए. ऐसे में राहुल गांधी ने ममता की नाराजगी दूर करने का जिम्मा उठाया.
राहुल और ममता में क्या-क्या बात
राहुल गांधी ने तुरंत ममता बनर्जी को फोन किया. राहुल गांधी और ममता बनर्जी के बीच करीब आधे घंटे तक फोन पर बातचीत हुई. इस बातचीत के दौरान स्पीकर के चुनाव को लेकर भी बातचीत हुई. सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने के. सुरेश के नामांकन के बारे में पहले न बताने के लिए टीएमसी से माफी मांगी. इसके बाद ममता बनर्जी मान गईं और इंडिया ब्लॉक की बैठक में टीएमसी के 2 सीनियर नेताओं को भेजने का फैसला किया. इससे पहले राहुल गांधी ने लोकसभा में अभिषेक बनर्जी से भी चर्चा की थी. सूत्रों का कहना है कि टीएमसी अब इंडिया अलायंस के कैंडिडेट के. सुरेश को समर्थन दे सकती है.
राहुल ने कर दिया डैमेज कंट्रोल
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के फोन के बाद ही ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में टीएमसी नेताओं को भेजा. हालांकि, टीएमसी ने कांग्रेस से साफ कहा कि वो बेहतर समन्वय और संवाद की अपेक्षा करती है. स्पीकर चुनाव को लेकर ममता बनर्जी के फैसले की जानकारी टीएमसी की तरफ से कांग्रेस को आज सुबह साढ़े नौ बजे तक दे दी जाएगी. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि ममता का फैसला कांग्रेस के पक्ष में ही होगा.
ममता का मिलेगा साथ?
दरअसल, टीएमसी इस बात से नाराज है कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर के सुरेश के नामांकन से पहले कांग्रेस ने उससे बात नहीं की. अभिषेक बनर्जी ने खुलकर कांग्रेस के फैसले को एकतरफा बता दिया था. इसके बाद राहुल ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की. टीएमसी सूत्रों का मानना है कि ममता बनर्जी संसदीय परंपराओं में विश्वास करती हैं लेकिन फिर भी वो स्पीकर चुनाव में कांग्रेस का साथ देने का ऐलान कर सकती है. वरना कांग्रेस को यह कहने का मौका मिल जाएगा कि ममता ने लोकसभा अध्यक्ष चुनवाने में बीजेपी की मदद की.
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