रायबरेली। राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन का पर्चा दाखिल किया जिसके बाद विपक्ष हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि वो अमेठी से डरकर भाग गए और रायबरेली को चुनाव लड़ने के लिए चुना है। ये बात तो है विपक्ष की लेकिन कभी प्रियंका गांधी के करीबी रहे आचार्च प्रमोद कृष्णम ने भी राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले पर एक बात कही है। उन्होंने कहा कि अमेठी में हार के डर से राहुल गांधी ने रायबरेली से लड़ने का फैसला किया लेकिन हकीकत ये है कि रायबरेली में भी राहुल गांधी हारेंगे।
प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि राहुल जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, उसे देखते हुए हिंदुस्तान में तो उनकी सियासत कमज़ोर हो गई है। ऐसे में राहुल के लिए बेहतर ये होगा कि वो पाकिस्तान से चुनाव लड़ें क्योंकि उनकी पॉलिटिक्स के फैन हिंदुस्तान से ज्यादा पाकिस्तान में हैं।
प्रमोद कृष्णम का दावा है कि जिस तरह प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जिस तरह प्रियंका को अमेठी, रायबरेली या सुल्तानपुर से टिकट नहीं दिया गया, उससे कांग्रेस के भीतर एक धड़े में बहुत नाराज़गी है। प्रमोद कृष्णम का दावा है कि राहुल गांधी के कहने पर प्रियंका गांधी के कांग्रेस की सियासत में आगे बढ़ने से रोका जा रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस के लिए चुनाव नतीजे बुरे आते हैं तो 4 जून के बाद पार्टी के भीतर दो गुट बन जाएंगे। राहुल और प्रियंका गांधी खेमे के नेता अलग-अलग हो जाएंगे।
कृष्णम ने कहा कि राहुल गांधी की ये पलायनवादी नीति है कि उन्होंने अमेठी को छोड़ा है। देश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। प्रियंका गांधी का चुनाव न लड़ना कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के दिल में ज्वालामुखी धधक रहा है. 4 जून के बाद फटेगा। देश की आजादी के बाद कांग्रेस का एक और विभाजन सुनिश्चित है। कांग्रेस दो धाराओं में बंट जाएगी एक धारा राहुल गांधी का होगा एक धारा प्रियंका गांधी का।
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