पटना। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण से पीड़ित 18,515 लोग स्वास्थ होकर घर लौट चुके हैं, जबकि केवल 216 मरीज नहीं बचाये जा सके। दूसरी तरफ कांग्रेस शासित राजस्थान में 576, पंजाब में 466 और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 12,030 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि महामारी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यवश राहुल गांधी अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों के आंकड़े देखे बगैर बिहार के सुशासन पर टिप्पणी कर रहे हैं। उन्हें पहले राजस्थान की चिंता करनी चाहिए, जहां प्रशासन ठप है और 100 विधायक अनिश्चितकाल के लिए रिसार्ट में भेज दिये गए हैं।
डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि राहुल गांधी को बिहार प्रदेश कांग्रेस की “राजनीतिक पिछलग्गू” जैसी हालत की चिंता करनी चाहिए। पहले महादलित समाज के एक प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी और अब अतिपिछड़ा समाज के कैलाश पाल ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। राहुल गांधी बतायें कि पिछले चुनाव में अतिपिछड़ा समाज के एक भी व्यक्ति को टिकट क्यों नहीं दिया गया था। कांग्रेस ने बिहार में आरक्षण लागू करने के कर्पूरी सरकार के फैसले का विरोध किया था, जबकि तत्कालीन सरकार में शामिल जनसंघ आरक्षण के समर्थन में था। रिजर्वेशन विरोधी कांग्रेस को साथ लेकर राजद गरीबों-पिछड़ों को धोखा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार कोरोना को हराने के लिए कई मोर्चे पर पूरी मुस्तैदी से जूझ रही है। अब रोजाना 10 हजार से ज्यादा जांच हो रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 100 बेड केविड मरीजों के लिए रिजर्व किये गए। केंद्र से 264 नये वेंटिलेटर मिल रहे हैं। जांच, बचाव और इलाज में तेजी लाने से राज्य में कोरोना से मृत्यु की दर मात्र 0.7 फीसदी है। केंद्रीय टीम ने राज्य में पूर्ण लाकडाउन लागू करने जैसे कई उपायों को सही ठहराया है। (एजेन्सी, हि.स.)
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