नई दिल्ली । कांग्रेस नेता (Congress Leader) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 2019 के मानहानि मामले में (In 2019 Defamation Case) गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश (Gujarat High Court Order) को चुनौती देते हुए (Challenging) सुप्रीम कोर्ट का रुख किया (Moved to Supreme Court) । 7 जुलाई को, गुजरात उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी और दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने वाले सत्र अदालत के आदेश को बरकरार रखा।
यह मामला कर्नाटक के कोलार में 2019 की एक रैली से जुड़ा है, जहां राहुल गांधी ने कहा था: नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। सभी चोरों का उपनाम ‘मोदी’ कैसे हो सकता है? इस टिप्पणी पर सूरत के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया।
गांधी को सूरत की एक अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराया गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रच्छक ने इस बात पर जोर दिया था कि जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते राहुल गांधी को बयान देते समय अधिक सतर्क रहना चाहिए था।
इस साल की शुरूआत में, सूरत में सत्र न्यायालय ने राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उनकी सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी अयोग्यता से उन्हें अपरिवर्तनीय नुकसान नहीं होगा।
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